( छत्तीसगढी--हास्य-- व्यंग्य ) (1) हम मन ला पीजा- बर्गर थोरकिन भी सुहावय नइ, अउ चीला-भजिया ला हमर लैका मन खावय नइ, हार खा के आज हलवइ बुलाय हववं अपन घर मा, पर रोघहा ला दूध औंटे के सिवाय ...
मैं पेशे से एक डाक्टर हूँ ( कान नाक गला विशेषज्ञ ) साहित्यिक
गद्य पद्य लेखन पिछले 10 वर्षों से । 2 गजल की किताब व 2 कहानियों का संग्रह व एक उपन्यास प्रकाशित ।।
सारांश
मैं पेशे से एक डाक्टर हूँ ( कान नाक गला विशेषज्ञ ) साहित्यिक
गद्य पद्य लेखन पिछले 10 वर्षों से । 2 गजल की किताब व 2 कहानियों का संग्रह व एक उपन्यास प्रकाशित ।।
रिपोर्ट की समस्या
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