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5 छप्पय छन्द

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(१.) निर्धनता अभिशाप, बनी कडवी सच्चाई वक्त बड़ा है सख्त, बढे पल-पल महंगाई पिसते रोज़ ग़रीब, हाय! क्यों मौत न आई "महावीर" कविराय, विकल्प न सूझे भाई लोकतंत्र की नीतियाँ, प्रहरी पूंजीवाद की भ्रष्टतंत्र की ...

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लेखक के बारे में

जन्म: 24 जुलाइ 1971, दिल्लीशिक्षा: दिल्ली विश्विद्यालय से स्नातकभाषा अधिकार: हिन्दी, उर्दू, गढ़वाली बोली उत्तरांचाली साहित्य संस्थान के संस्थापक कथा संसार में उपसंपादक, आर्ट्स कॉलिंग आर्टिस्ट्स ग्रुप में वाइस-प्रेसिडेंट, आम आदमी पार्टी के सक्रिय सदस्य सम्पादिक पुस्तक: आपकी उड़ान- भाग एक, आम आदमी पार्टी के कवियों की पहली पुस्तक(2013) साहित्यिक लेखन एवं रुचियाँ: कहानी, लघुकथा, गीत, गज़ल, जनक छंद, दोहे, हाइकू, मुक्तक, कुंडलियाँ, छप्पय आदि प्रकाशित कृतियाँ: तीन पीढ़ियाँ: तीन कथाकार(कहानी संग्रह) प्रेमचंद, मोहन राकेश एवं महावीर उत्तरांचाली की 4-4 प्रतिनिधि कहानियाँ, 2007आग का दरिया(ग़ज़ल संग्रह), 2009आग यह बदलाव की(ग़ज़ल संग्रह), 2013मन में नाचे मोर है(जनक छंद संग्रह), 2009, 2014अंतरघट तक प्यास(दोहा संग्रह), 2009बुलंद अशआर(चुनिंदा शेर) 2009 अनेकानेक अन्य सम्पादिक पुस्तकों एवं पत्र-पत्रिकाओं में रचनायें प्रकाशित

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Shilpi Manjari
    16 अक्टूबर 2019
    अद्भुत
  • author
    Jyoti Sharma
    05 सितम्बर 2022
    बहुत ही सुंदर संदेश दिया है इस कविता के माध्यम से l
  • author
    अरविन्द सिन्हा
    30 अप्रैल 2022
    प्रेरक सन्देश देतीं सशक्त रचना । साधुवाद
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    Shilpi Manjari
    16 अक्टूबर 2019
    अद्भुत
  • author
    Jyoti Sharma
    05 सितम्बर 2022
    बहुत ही सुंदर संदेश दिया है इस कविता के माध्यम से l
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    अरविन्द सिन्हा
    30 अप्रैल 2022
    प्रेरक सन्देश देतीं सशक्त रचना । साधुवाद