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छल -कपट ( सीखभरे दोहे कल, आज और कल के)

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१- छल - कपट चहुं ओर है, जिधर भी पैर बढ़ाओ , मान अपमान सब ताक पर , रखकर फिर यार बनाओ । २- जीवन में सब सीख ले , पर न सीख छल - कपट का मार्ग, जब ऊपर से बुलावा आएगा, कहो  , कौन बच पाए ? ३- रिश्तों ...

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लेखक के बारे में
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Rina Dhole

मैं एक शिक्षिका हूं। मुझे सम्पूर्ण मानवजाति से प्रेम है। पढ़ना, लिखना, एवं साहित्य रचना मेरी आत्मा है। मैं सम्पूर्ण सृष्टि में मानवता की भावना का प्रचार करना चाहती हूं। धन्यवाद

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Balram Soni
    12 अक्टूबर 2022
    बहुत बढ़िया बेहतरीन लाजवाब और बहुत शानदार रचना लिखी है आपने, अति उत्तम रचना👌💐🙏🌹जय श्री राधे कृष्णा🌹🙏
  • author
    Poonam Arora
    12 अक्टूबर 2022
    वाह वाह वाह वाह वाह वाह वाह वाह वाह वाह वाह वाह बहुत ही खूबसूरत और शानदार दोहे
  • author
    Madhavi Sharma "Aparajita"
    12 अक्टूबर 2022
    बहुत सुंदर वैचारिक प्रस्तुति.....
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    Balram Soni
    12 अक्टूबर 2022
    बहुत बढ़िया बेहतरीन लाजवाब और बहुत शानदार रचना लिखी है आपने, अति उत्तम रचना👌💐🙏🌹जय श्री राधे कृष्णा🌹🙏
  • author
    Poonam Arora
    12 अक्टूबर 2022
    वाह वाह वाह वाह वाह वाह वाह वाह वाह वाह वाह वाह बहुत ही खूबसूरत और शानदार दोहे
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    Madhavi Sharma "Aparajita"
    12 अक्टूबर 2022
    बहुत सुंदर वैचारिक प्रस्तुति.....