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चीनी मिट्टी- रेशम पानी

4.3
1724

1 "आह्लाद की रेशमी डोरी हो या विषाद का सूती बिछौना, स्मृति में बंद पहले प्यार का सूखा गुलाब दोनों में बराबर ही महकता है ,उसने कहीं सुना था ये।" पर उसकी स्मृति में सिर्फ़ गुलाब ही नहीं तमाम संसार बंद ...

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लेखक के बारे में
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अनघ शर्मा
समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Satpal. Singh Jatiyan
    21 मार्च 2019
    nice story . unique style of writing
  • author
    anupampuri goswami
    29 नवम्बर 2018
    बहुत सुन्दर रचना
  • author
    BHUSHAN KHARE
    05 मई 2018
    बहुत सुन्दर रचना
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  • author
    Satpal. Singh Jatiyan
    21 मार्च 2019
    nice story . unique style of writing
  • author
    anupampuri goswami
    29 नवम्बर 2018
    बहुत सुन्दर रचना
  • author
    BHUSHAN KHARE
    05 मई 2018
    बहुत सुन्दर रचना