pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

चौधरी जी की इज़्ज़त

4.0
16759

पता है रीनू जब तू हुई थी न तो तेरे बाऊ जी ने पूरे गाँव में लड्डू बाँटें थेl सबने कहा था की चौधरी पागल हो गया है बिटिया के जनम की ख़ुशी मना रहा हैl- माँ रीना के बाल बनाते हुए उसको बता रही थीl माँ ...

अभी पढ़ें
लेखक के बारे में
author
प्रिया गर्ग

“लिखना कब पसंद से प्यार बन गया है पता ही नहीं चला।” मैंने (प्रिया गर्ग) माध्यमिक शिक्षा में स्नाकोतर (Bachelor of Elementary Education) और हिंदी भाषा तथा शिक्षा में उच्च-स्नाकोतर (Masters in Arts- Hindi and Education) में शिक्षा प्राप्त की है। पेशे से एक शिक्षिका और पाठ्यक्रम विकासकर्ता हूँ। कहानी लिखना पसंद था। ये पसंद धीरे-धीरे प्यार बना और अपने आसपास मिलती घटनाओं को संजोना शुरू कर दिया। किस्सों की उसी पोटली से निकली कुछ कहानियों का संग्रह मेरी पहली किताब "मेरा रेप हुआ था" है।

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    पाण्डेय अनिक
    19 मार्च 2018
    न्याय को अपने हाथ में नहीं लेना चाहिए। परन्तु सवाल यह भी है कि क्या आजादी की उड़ान इतनी ऊंची होनी चाहिए कि अपनों की भावनायें क्षुद्र हों जायें? क्या चंद दिनों का किसी का साथ वर्षों के विश्वास व प्यार के आगे महान हो जाता है? क्या औलाद पर भरोसा कर उसे स्वतंत्रता देना अपराध है? और उस भरोसे की चादर को अपनी मिली स्वतंत्रता के कैंची से तार - तार कर देना ही आधुनिक व प्रगतिशील होना है? क्या माँ - बाप द्वारा चुनी गई जोड़ियां हमेशा गलत व खुद द्वारा चयनित साथी हमेशा सही ही होते हैं?? क्या इस कहानी के पैरवीकार इन प्रश्नों का समुचित जवाब दे पायेंगे???.......
  • author
    Vicky Ludhaynvi
    03 जुलाई 2017
    I THINK CHAUDHARY NE JO SJA DI WO KAM H APNE MAA BAAP KI IZZAT KHARAB KRNE WALI LDKI KO IS S B JYADA AGR KOI SJA DENI CHAHIYE IN JAISI LADKIYO KI WJH S BHARUN HATYA HOTI H
  • author
    Savitri Rajput
    02 जुलाई 2017
    pyar mahobat sab chhalava h jab nine mont pet mai rakhne wali maa or ak pita apne bache ko jaan say maar sakty h to duniya me or kiska pyaar sacha ho sakta h
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    पाण्डेय अनिक
    19 मार्च 2018
    न्याय को अपने हाथ में नहीं लेना चाहिए। परन्तु सवाल यह भी है कि क्या आजादी की उड़ान इतनी ऊंची होनी चाहिए कि अपनों की भावनायें क्षुद्र हों जायें? क्या चंद दिनों का किसी का साथ वर्षों के विश्वास व प्यार के आगे महान हो जाता है? क्या औलाद पर भरोसा कर उसे स्वतंत्रता देना अपराध है? और उस भरोसे की चादर को अपनी मिली स्वतंत्रता के कैंची से तार - तार कर देना ही आधुनिक व प्रगतिशील होना है? क्या माँ - बाप द्वारा चुनी गई जोड़ियां हमेशा गलत व खुद द्वारा चयनित साथी हमेशा सही ही होते हैं?? क्या इस कहानी के पैरवीकार इन प्रश्नों का समुचित जवाब दे पायेंगे???.......
  • author
    Vicky Ludhaynvi
    03 जुलाई 2017
    I THINK CHAUDHARY NE JO SJA DI WO KAM H APNE MAA BAAP KI IZZAT KHARAB KRNE WALI LDKI KO IS S B JYADA AGR KOI SJA DENI CHAHIYE IN JAISI LADKIYO KI WJH S BHARUN HATYA HOTI H
  • author
    Savitri Rajput
    02 जुलाई 2017
    pyar mahobat sab chhalava h jab nine mont pet mai rakhne wali maa or ak pita apne bache ko jaan say maar sakty h to duniya me or kiska pyaar sacha ho sakta h