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4.7
1810

आज लॉकडौन का पहला दिन ही था और अंकुश उब गया था घर मे बैठे बैठे । वो घर में अकेला था और कुछ काम ना होने के वजह से मन भी नही लग रहा था । एक नोकरी करने वाले आदमी का व्यस्त दिनचर्या होता है उसके लिए ...

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लेखक के बारे में
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SHREYA PATHAK

- Sometimes it's better to be alone nobody can hurt you ❤️

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    आकाशदीप सिंह
    02 जुलाई 2021
    मैने भी एक बार एक लड़के को ऐसे ही धोखा दिया था पर वो थोड़ा समझदार निकला केवल तीन महीने का ही रिचार्ज कराया उसने 🤣🤣😂😂
  • author
    Sapna Parjapat "Sp"
    08 जून 2021
    😂😂😂😂😂😂😂bechare ka poppt bn gya
  • author
    10 जून 2021
    मजा आ गया बहुत ही गजब लिखा है आप ने वेसे अंकुश बात तो कर ही सकता था उसके साथ क्योंकि रिचार्ज तो बेचारे ने साल भर का करवा दिया था 🤣😅😅
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    आकाशदीप सिंह
    02 जुलाई 2021
    मैने भी एक बार एक लड़के को ऐसे ही धोखा दिया था पर वो थोड़ा समझदार निकला केवल तीन महीने का ही रिचार्ज कराया उसने 🤣🤣😂😂
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    Sapna Parjapat "Sp"
    08 जून 2021
    😂😂😂😂😂😂😂bechare ka poppt bn gya
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    10 जून 2021
    मजा आ गया बहुत ही गजब लिखा है आप ने वेसे अंकुश बात तो कर ही सकता था उसके साथ क्योंकि रिचार्ज तो बेचारे ने साल भर का करवा दिया था 🤣😅😅