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चारु चंद्र की चंचल किरणें!!

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आज सुबह पेपर देख रही थी तो पता चला कि कल शरद पूर्णिमा है । अनायास ही मुझे याद हो आयी,  अनेक वर्ष पहले की एक शरद पूर्णिमा!! मन किया कि शब्दों में बांध ही दूँ उन यादों को !! ये पंक्तियाँ उसी सोच का ...

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लेखक के बारे में
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kanak sharma
समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Usha Verma
    18 ഒക്റ്റോബര്‍ 2021
    शरद पूर्णिमा की शुभकामनाएं !आपने शरद पूर्णिमा की जो झांकी हमें दिखाई उन चारुचन्द्र किरणों में हम भी सरोबार हो गये! गजब की शक्ति है आपने अवलोकन की और शब्दों में अभिव्यक्ति की! निर्जीव को भी सजीव बना कर सामने खड़ा कर देती हैं!
  • author
    श्वेता विजय mishra
    18 ഒക്റ്റോബര്‍ 2021
    बहुत सुंदर शानदार लाजवाब यादों को साझा किया आपने और बहुत सुंदर फोटो डाली पीला कमल देखकर तो मन खुश हो गया और आपके यहां तो बहुत सारे पारिजात के पुष्प निकल रहे हैं बहुत-बहुत उत्कृष्ट सुंदर डायरी
  • author
    usha gaur
    19 ഒക്റ്റോബര്‍ 2021
    बहुत ही खूबसूरत अभिव्यक्ति और अति उत्तम सृजन किया आपने 👌🌷🌷🌷👌✍️🤗🤗🤗🌹🌹🌹
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    Usha Verma
    18 ഒക്റ്റോബര്‍ 2021
    शरद पूर्णिमा की शुभकामनाएं !आपने शरद पूर्णिमा की जो झांकी हमें दिखाई उन चारुचन्द्र किरणों में हम भी सरोबार हो गये! गजब की शक्ति है आपने अवलोकन की और शब्दों में अभिव्यक्ति की! निर्जीव को भी सजीव बना कर सामने खड़ा कर देती हैं!
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    श्वेता विजय mishra
    18 ഒക്റ്റോബര്‍ 2021
    बहुत सुंदर शानदार लाजवाब यादों को साझा किया आपने और बहुत सुंदर फोटो डाली पीला कमल देखकर तो मन खुश हो गया और आपके यहां तो बहुत सारे पारिजात के पुष्प निकल रहे हैं बहुत-बहुत उत्कृष्ट सुंदर डायरी
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    usha gaur
    19 ഒക്റ്റോബര്‍ 2021
    बहुत ही खूबसूरत अभिव्यक्ति और अति उत्तम सृजन किया आपने 👌🌷🌷🌷👌✍️🤗🤗🤗🌹🌹🌹