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चरित्रहीन मर्द या औरत

4.5
58716

"माँ मैं खेलने जाऊँ ? " उस महीन जालीदार टाट के एक कोने से झांकते हुए उसने पूछा । " नही सुनयना" दो टूक जवाब देकर वो फिर से मसरूफ़ हो गयी अपनी होठों की रंगत को चटक करने में । आँखों में आज भी सुरमा ...

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लेखक के बारे में

Clinical psychologist मुसाफ़िर........ अंतहीन सफ़र का मुझे जानने की कोशिश न करना, खुद को भूल जाओगे मेरी गुमनाम शख़्शियत में।। खुद से अनजान हूँ पर चेहरे पहचानती हूँ लफ़्ज़ों में लिपटी शख़्शियत को जानती हूँ। । मेरे रास्ते के देवदारों वादा है तुमसे एक दिन दरिया तुमसे होकर गुज़रेगी

समीक्षा
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  • author
    सरिता सिंह
    17 जून 2018
    औरतों के लिए कुलटा चरित्रहीन और ना जाने क्या-क्या शब्द बनाए गए हैं लेकिन पुरुषों के लिए एक भी नहीं एक औरत को चरित्रहीन बनाने वाला कौन होता है सवाल का जवाब है किसी के पास एक औरत को चरित्रहीन बनाने वाला एक मर्द ही होता है बिल्कुल सही कहा चरित्रहीन औरत या मर्द कहानी का विषय एकदम सटीक है
  • author
    कोमल राजपूत
    01 फ़रवरी 2018
    काश असल जिंदगी में भी ऐसी औरतें हिम्मत दिखाकर इन परिस्थितियों से खुद को बाहर निकाल सके।
  • author
    Beena Awasthi
    17 जून 2018
    मीनाक्षी जी बहुत सुंदर कहानी है। कैसी विडम्बना है कि वही काम आदमी करे तो मर्द कहलाता है लेकिन औरत करे तो चरित्र हीन कहलाती है।
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    सरिता सिंह
    17 जून 2018
    औरतों के लिए कुलटा चरित्रहीन और ना जाने क्या-क्या शब्द बनाए गए हैं लेकिन पुरुषों के लिए एक भी नहीं एक औरत को चरित्रहीन बनाने वाला कौन होता है सवाल का जवाब है किसी के पास एक औरत को चरित्रहीन बनाने वाला एक मर्द ही होता है बिल्कुल सही कहा चरित्रहीन औरत या मर्द कहानी का विषय एकदम सटीक है
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    कोमल राजपूत
    01 फ़रवरी 2018
    काश असल जिंदगी में भी ऐसी औरतें हिम्मत दिखाकर इन परिस्थितियों से खुद को बाहर निकाल सके।
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    Beena Awasthi
    17 जून 2018
    मीनाक्षी जी बहुत सुंदर कहानी है। कैसी विडम्बना है कि वही काम आदमी करे तो मर्द कहलाता है लेकिन औरत करे तो चरित्र हीन कहलाती है।