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चरण वंदना

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चंदन वंदन हे रघुनंदन, आज करो सबके मन पावन। मैल मिटे हर दोष हटे फिर, जीवन हो फिर आज सुहावन। नीरव बीत रही रजनी अब, साज बजे बरसे रस सावन। आज कृपा फिर से करदो प्रभु, दीप जले सबके घर भावन। अनुराधा ...

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लेखक के बारे में
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अनुराधा चौहान

अपने मन की भावना को शब्दों का रूप देती हूं कुछ ख्बाव बुनती हूं कुछ ख्बाव लिखती हूं ।मेरी रचनाएं मेरे दिल की धड़कन है यहां लिखी सभी रचनाएं मेरी स्वरचित रचनाएं है।

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Sandip Sharmaz . Sharmaz "Lucky"
    30 मार्च 2023
    बेहतरीन। जयश्रीकृष्ण जयश्रीकृष्ण जयश्रीकृष्ण जी।सुंदर सृजन।
  • author
    Saroj Sehgal
    30 मार्च 2023
    जय श्री राम, जय श्री राम 🙏🙏🌷🌷🌷🌷
  • author
    Jyoti Saini "क्वीन"
    30 मार्च 2023
    nice
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    Sandip Sharmaz . Sharmaz "Lucky"
    30 मार्च 2023
    बेहतरीन। जयश्रीकृष्ण जयश्रीकृष्ण जयश्रीकृष्ण जी।सुंदर सृजन।
  • author
    Saroj Sehgal
    30 मार्च 2023
    जय श्री राम, जय श्री राम 🙏🙏🌷🌷🌷🌷
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    Jyoti Saini "क्वीन"
    30 मार्च 2023
    nice