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चार सहेलियां

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उम्र चाहे कोई भी हो लेकिन हर इंसान के जेहन में कोई न कोई वाक्या रह जाता हैं। मै ज्यादा पुराने जमाने की तो नहीं हूं लेकिन मेरी यादों में मेरा बचपन है।        रचना , अनु और रानी हमारे मोहल्ले की ...

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लेखक के बारे में
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Bhavit Jain

हेल्लो दोस्तो मेरा नाम नेहा है।लेकिन मुझे अपने बेटे का नाम बहुत पसंद है ।और लकी भी इसलिए मेरी रचनाएं उसके नाम से ही डालती हूं अगर मेरी रचनाओं में कोई कमी है कुछ सुधार की जरूरत है तो प्लीज़ मुझे कॉमेंट्स करके जरूर बताएं जिससे मुझे लिखने का साहस मिले।

समीक्षा
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    दीपक राय
    20 अक्टूबर 2020
    यादों और संगी साथियों का सरमाया तो जीवन भर साथ होता है.
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    दीपक राय
    20 अक्टूबर 2020
    यादों और संगी साथियों का सरमाया तो जीवन भर साथ होता है.