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छँटता कोहरा

3.5
860

लड़खड़ाते कदमों के साथ फकीरा अपने मकान के सामने आ खड़ा हुआ। इससे पहले कि वह दीमक लगे किवाड़ पर दस्तक देता, उसकी नशीली आँखों ने खिड़की से होकर अंदर सेंध मारी। पत्नी रूपमती अंदर किसी गैर मर्द के साथ खिलखिला ...

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लेखक के बारे में
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कुणाल शर्मा
समीक्षा
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  • author
    Vibha Rashmi
    15 दिसम्बर 2018
    अच्छी लघुकथा
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    Vibha Rashmi
    15 दिसम्बर 2018
    अच्छी लघुकथा