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चंद्र पहाड़ भाग 7

4.8
1178

इसके बाद और दो दिन बीत गए। वह लोग क्रमशः गहरे से और गहरे जंगल में पहुँच गए। जंगल का रास्ता कहीं भी समतल नहीं था। बस वहाँ चढ़ान और ढलाने थीं। बीच-बीच में रूखी और ऊँची-ऊँची घासों का जंगल। वहाँ पर पानी ...

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लेखक के बारे में
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Rinkesh Jhuria

कागज़ और कलम ! बस और क्या......!

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Shashi
    13 नवम्बर 2021
    अद्भुत ऐसा लगता है लेखक ने खुद ही सारी चीजों का अनुभव किया है
  • author
    narender Kumar
    21 अगस्त 2021
    nice part
  • author
    Manoj Kumar Gupta
    13 नवम्बर 2024
    best kahani
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  • author
    Shashi
    13 नवम्बर 2021
    अद्भुत ऐसा लगता है लेखक ने खुद ही सारी चीजों का अनुभव किया है
  • author
    narender Kumar
    21 अगस्त 2021
    nice part
  • author
    Manoj Kumar Gupta
    13 नवम्बर 2024
    best kahani