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चंदा हीरोइन

4.5
6397

चंदा हिरोइन ऊर्फ चंदू अब बूढ़े हो चले हैं। पूछने पर बताते हैं, 'जब देश आजाद हुआ था, तब देवब्रत मालिक दो चोली ओर दो साड़ी लाए थे , ' एक ठकुराइन के लिए और एक मेरे लिए। तिरंगा फहराने जाते बखत ठाकुराइन ...

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समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Usha Bhalla
    26 सितम्बर 2019
    ्हृ दय स्पर्शी कहानी क्या ऐसा भी हो सकता है। रोंगटे खड़े करने ्वाली कहानी
  • author
    lalbharat singh
    27 सितम्बर 2019
    जिस विषय पर लेखनी चलाने कतराते है आप ने साधिकार संजीव चित्रण कर दिया l मैने भी अपने बड़ो से ऐसी कहानिया सुनी है l जमीदार के यहां चरवाहे और हरवाहे की पत्नि, बहन, बेटी सब इनके उपभोग की वस्तु थी, लेकिन इन्हीं शोषितों से कई ज़मींदारों का वंश भी उत्पन्न हुवे l समय और विवशता किसी को नहीं छोड़ता, चाहे राजा हो या रंक l
  • author
    26 सितम्बर 2019
    नि:शब्द कर झकझोर देने वाली मर्मांतक कहानी। धनबल और धर्मबल के झूठे नाम पर मजलूमों के साथ हुए व्यभिचार की पर्तें खोल कर रख देने वाली कहानी। इसे पढ़कर तथाकथित धनाधिकारियों, जमींदारों और धर्माधिकारियों से घृणा होने लगे।
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    Usha Bhalla
    26 सितम्बर 2019
    ्हृ दय स्पर्शी कहानी क्या ऐसा भी हो सकता है। रोंगटे खड़े करने ्वाली कहानी
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    lalbharat singh
    27 सितम्बर 2019
    जिस विषय पर लेखनी चलाने कतराते है आप ने साधिकार संजीव चित्रण कर दिया l मैने भी अपने बड़ो से ऐसी कहानिया सुनी है l जमीदार के यहां चरवाहे और हरवाहे की पत्नि, बहन, बेटी सब इनके उपभोग की वस्तु थी, लेकिन इन्हीं शोषितों से कई ज़मींदारों का वंश भी उत्पन्न हुवे l समय और विवशता किसी को नहीं छोड़ता, चाहे राजा हो या रंक l
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    26 सितम्बर 2019
    नि:शब्द कर झकझोर देने वाली मर्मांतक कहानी। धनबल और धर्मबल के झूठे नाम पर मजलूमों के साथ हुए व्यभिचार की पर्तें खोल कर रख देने वाली कहानी। इसे पढ़कर तथाकथित धनाधिकारियों, जमींदारों और धर्माधिकारियों से घृणा होने लगे।