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चम्पा

4.2
7308

चंपा यह शब्द सुनते ही मेरे जेहन में उस शख्स का अक्स उभर जाता है जिसके साथ मैंने अपने बचपन का बहुत बड़ा हिस्सा गुजारा था। मेरे पिताजी गांव के जमींदार थे । उनका गांव में बहुत ही बड़ा नाम था । गांव ...

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लेखक के बारे में
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नंदिनी

मेरे किरदार मेरे दिल , मेरे आस पास से निकलते है । वो मुझसे जुड़े हुये से लगते है , उनके साथ साथ मैं भी उनकी जिंदगी जीने लगती हू।

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Sadhana Tiwari
    16 दिसम्बर 2018
    Bahut Sundar Rachana hai
  • author
    Shikha kumari
    05 मार्च 2018
    अत्यंत रोचक लेखन।
  • author
    बहिष्कृत "आर्य"
    29 मार्च 2018
    सही रास्ता सही समय पर चुन लिया जाए तो परिस्थितियों से निपटा जा सकता है.
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    Sadhana Tiwari
    16 दिसम्बर 2018
    Bahut Sundar Rachana hai
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    Shikha kumari
    05 मार्च 2018
    अत्यंत रोचक लेखन।
  • author
    बहिष्कृत "आर्य"
    29 मार्च 2018
    सही रास्ता सही समय पर चुन लिया जाए तो परिस्थितियों से निपटा जा सकता है.