pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

चालीस साल की कुंवारी लड़की

4.2
16223

काश कि किसी अफसाने को शुरु करने से पहले उसके अंजाम का ठीक-ठीक पता होता! पता होता तो क्या लोकेश की, शुभा की जिंदगी आज कुछ और होती? या कि शुभा इस दुनिया में आई ही नहीं होती? पूजाघर से सामान ला-लाकर थाल ...

अभी पढ़ें
लेखक के बारे में
author
नीला प्रसाद
समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Vivek Padtani
    31 ആഗസ്റ്റ്‌ 2018
    बेहतरीन , लिखा भी खूब है , दो धर्मों के बीच का द्वन्द , ये हकीकत है समाज की और उसका दोगलापन भी , एक तरफ सर्व धर्म समभाव की भावना और फिर कोई उसको हकीकत के धरातल पर मूर्त कर दे तो बच्चों के साथ परेशानी ही परेशानी , समाज का नजरिया आज भी दकियानूसी ही है बहुत कम हैं यहाँ लीक से हटकर चलने वाले , जो है वह भी कभी न कभी टूटते ही हैं और अपने आप को कहीं किसी मोड़ पर लाचार ही पाते हैं !☺️
  • author
    Praneeta Pareek
    15 ഫെബ്രുവരി 2021
    कहानी का उद्देश्य ही हिन्दू धर्म का अपमान करना है। स्वीकार्य नहीं है।
  • author
    Renu Vijh
    21 മെയ്‌ 2019
    शायद एक निश्चित वय पार करने के बाद हर लड़की की सोच यही हो जाती है धर्म को इतर कर ।केवल शादी हो जाना समाज की नजरों में महत्वपूर्ण होता है और साथ ही परिवार को भी आदत हो जाती है ,बेटी के सहारे काम चलाने की भावपूर्ण उत्तम
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Vivek Padtani
    31 ആഗസ്റ്റ്‌ 2018
    बेहतरीन , लिखा भी खूब है , दो धर्मों के बीच का द्वन्द , ये हकीकत है समाज की और उसका दोगलापन भी , एक तरफ सर्व धर्म समभाव की भावना और फिर कोई उसको हकीकत के धरातल पर मूर्त कर दे तो बच्चों के साथ परेशानी ही परेशानी , समाज का नजरिया आज भी दकियानूसी ही है बहुत कम हैं यहाँ लीक से हटकर चलने वाले , जो है वह भी कभी न कभी टूटते ही हैं और अपने आप को कहीं किसी मोड़ पर लाचार ही पाते हैं !☺️
  • author
    Praneeta Pareek
    15 ഫെബ്രുവരി 2021
    कहानी का उद्देश्य ही हिन्दू धर्म का अपमान करना है। स्वीकार्य नहीं है।
  • author
    Renu Vijh
    21 മെയ്‌ 2019
    शायद एक निश्चित वय पार करने के बाद हर लड़की की सोच यही हो जाती है धर्म को इतर कर ।केवल शादी हो जाना समाज की नजरों में महत्वपूर्ण होता है और साथ ही परिवार को भी आदत हो जाती है ,बेटी के सहारे काम चलाने की भावपूर्ण उत्तम