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चली खत्म करने शीत की कहानी!

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चली खत्म करने शीत की कहानी! शीत की कहानी खत्म करने की रख खयाल, साड़ी पर मलिन जीर्ण डाल रखी वो दुशाल - निकल पड़ी अपराह्न में घर का काम शेषकर; बटोरने गोबर पुआल, था अलाव का सवाल। शीत से निपटने  के  ...

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लेखक के बारे में

जिला गोरखपुर जानिए, कोठा मेरा गांव। तरुणाई युवा पड़ी, जे के नगर पड़ाव।। जे के नगर बजार में, छापे की दुकान। चल जाती है जीविका, बाकी राखे राम।।

समीक्षा
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  • author
    Raj Kamra
    22 दिसम्बर 2023
    वाह, गाँव की स्त्री की दिनचर्या को, कितने सहज सरल निश्छल भाव से समेटा है भाई आपने, आज तो शब्दों की कलाकारी ने, साकारता का खाका खींच, सचित्र दर्शा दिया! वो स्त्री घर के कामों से निपट, शाम के अलाव के लिए , शीत ऋतु में शीत को हराने के जुगाड़ में, शाल ओढ़...... आहा.... 👏👏👏👌👍🙏🏻😊
  • author
    Beena Shukla "Kanchan"
    22 दिसम्बर 2023
    शीत का असर, और बचने की जद्दोजहद, बहुत ही खूबसूरत पंक्तियां हैं सर जी 👍👍👍👍 🙏🙏🙏🙏🙏🙏 प्रणाम सर जी
  • author
    mamta Mahatma "विजिता"
    21 दिसम्बर 2023
    wah बहुत सुंदर,,लाजवाब सुंदर दोहों से मंडित रचना☘️☘️🌼☘️☘️🌼☘️☘️💜☘️☘️💜☘️☘️💜☘️🌼☘️🌼☘️🌼🏵️💜🌼🏵️🏵️🏵️💜
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    Raj Kamra
    22 दिसम्बर 2023
    वाह, गाँव की स्त्री की दिनचर्या को, कितने सहज सरल निश्छल भाव से समेटा है भाई आपने, आज तो शब्दों की कलाकारी ने, साकारता का खाका खींच, सचित्र दर्शा दिया! वो स्त्री घर के कामों से निपट, शाम के अलाव के लिए , शीत ऋतु में शीत को हराने के जुगाड़ में, शाल ओढ़...... आहा.... 👏👏👏👌👍🙏🏻😊
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    Beena Shukla "Kanchan"
    22 दिसम्बर 2023
    शीत का असर, और बचने की जद्दोजहद, बहुत ही खूबसूरत पंक्तियां हैं सर जी 👍👍👍👍 🙏🙏🙏🙏🙏🙏 प्रणाम सर जी
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    mamta Mahatma "विजिता"
    21 दिसम्बर 2023
    wah बहुत सुंदर,,लाजवाब सुंदर दोहों से मंडित रचना☘️☘️🌼☘️☘️🌼☘️☘️💜☘️☘️💜☘️☘️💜☘️🌼☘️🌼☘️🌼🏵️💜🌼🏵️🏵️🏵️💜