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<p>सर्दी की गुमसुम सुनसान रात और बारिश रुक रुक कर हो रही थी सड़क पर दूर दूर तक कोह्र्रे की चादर थी चारो तरफ सन्नाटा पसरा हुआ था ऐसी अँधेरी रात मैं वरुण अकेले ही निकल पड़ा था आज उसके पक्के दोस्त ...

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लेखक के बारे में
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रीत शर्मा

मैं धन्यवाद देना चाहती हु पाठको का आपके विचार और प्रशंसा भरे शब्द हिम्मत बढ़ाते है और अच्छा लिखने के लिए प्रेरित करते है ! मैं क्षमाप्राथी हु कि आपके संदेशो का जवाब नहीं दे पाती - आप सब से निवेदन है कृपया कर के मुझे Twitter follow करे - @Romareet1 - हमारी बातचीत का माध्यम - इंतजार रहेगा

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    21 सितम्बर 2016
    कहानी में शुरू में जिसतरह से आपने रहस्य और रोमांच को निर्मित किया है, अंत आते - आते वह सब कहीं बिखरता हुआ नज़र आने लगता है। अंत में कहानी का भूतिया एंगल तो कहानी को उसके उद्देश्य से भी भटका देता है। अंततः पाठक को एक उद्देश्यहीन कहानी के अपना वक्त बर्बाद करने जैसा अहसास होने लगता है। आपकी वर्णनात्मक शैली उत्तम है। आप अच्छी कहानियां दे सकते हैं। अच्छे कहानीकारों जैसे निर्मल वर्मा, कमलेश्वर, की कहानियां पढ़ें तो और भी प्रेरणा मिलेगी।
  • author
    Finding Kashfur
    03 नवम्बर 2017
    एक अच्छा संदेश है कहानी में।
  • author
    Anurag Bhardwaj
    14 मई 2020
    पुरष समाज जो औरतो को सिर्फ भोग विलास का माध्यम मानता है उन लोगों पर सीधा हला बोल हैं! लेखक को हृदय से नमन्!
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    21 सितम्बर 2016
    कहानी में शुरू में जिसतरह से आपने रहस्य और रोमांच को निर्मित किया है, अंत आते - आते वह सब कहीं बिखरता हुआ नज़र आने लगता है। अंत में कहानी का भूतिया एंगल तो कहानी को उसके उद्देश्य से भी भटका देता है। अंततः पाठक को एक उद्देश्यहीन कहानी के अपना वक्त बर्बाद करने जैसा अहसास होने लगता है। आपकी वर्णनात्मक शैली उत्तम है। आप अच्छी कहानियां दे सकते हैं। अच्छे कहानीकारों जैसे निर्मल वर्मा, कमलेश्वर, की कहानियां पढ़ें तो और भी प्रेरणा मिलेगी।
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    Finding Kashfur
    03 नवम्बर 2017
    एक अच्छा संदेश है कहानी में।
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    Anurag Bhardwaj
    14 मई 2020
    पुरष समाज जो औरतो को सिर्फ भोग विलास का माध्यम मानता है उन लोगों पर सीधा हला बोल हैं! लेखक को हृदय से नमन्!