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छलावा

4.3
25147

छलावा बचपन बहुत अनमोल होता है, हमारा बचपन भी बहुत अनमोल था, क्योकी हमारे बचपन का एक हिस्सा या कहे की सबसे रंगीन हिस्सा गांव मे बीता था। आज के बचपन से बहुत अलग था गांव का बचपन जिसमे ना तो मोबाईल ...

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लेखक के बारे में
author
अरुण

Love you💞 जिंदगी..🤗

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Pratibha singh Rathore "Lone Wolf"
    21 नवम्बर 2018
    देशकाल और वातावरण भी कोई चीज होती है जिन जंगली बेरो के लिखा है वो गर्मी में नही सर्दी में होते है और कीकड का पेड़ गंगा किनारे नही बल्कि रेगिस्तान में होता है 😂
  • author
    sayra
    05 अगस्त 2017
    बेर का तो नहीं पता, लेकिन हम लोग भूत-प्रेत की बातों को झूठला नहीं सकते। I like your story...
  • author
    Ritesh
    19 सितम्बर 2017
    बढ़िया है ... बचपन में मेरे साथ भी कुछ ऐसा हीं हुआ था।।
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    Pratibha singh Rathore "Lone Wolf"
    21 नवम्बर 2018
    देशकाल और वातावरण भी कोई चीज होती है जिन जंगली बेरो के लिखा है वो गर्मी में नही सर्दी में होते है और कीकड का पेड़ गंगा किनारे नही बल्कि रेगिस्तान में होता है 😂
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    sayra
    05 अगस्त 2017
    बेर का तो नहीं पता, लेकिन हम लोग भूत-प्रेत की बातों को झूठला नहीं सकते। I like your story...
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    Ritesh
    19 सितम्बर 2017
    बढ़िया है ... बचपन में मेरे साथ भी कुछ ऐसा हीं हुआ था।।