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चालाकियां 🌹🌹

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🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 चालाकियां नहीं मुझमें पर तेरी हर एक चाल समझते हैं मासूम दिखते हैं मगर हौसला दिल में रखते हैं तेरी हर एक बात आज भी याद है हमें भुला ना पाओगे ऐसी औकात रखते हैं बड़े ...

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लेखक के बारे में
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Preeti Kaushik

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समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    apni duniya Manoj karoda
    19 फ़रवरी 2023
    बहुत खूब बहुत खूब बहुत खूब बहुत खूब लिखा है जी 🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹
  • author
    anshu saxena
    20 फ़रवरी 2023
    जीवन की सच्चाई आपने बहुत साफ शब्दों मे बयाँ की है प्रीति जी... जीवन में सादगी और एक दूसरे के सहयोग से ही सब कुछ आसान हो जाता है... छल और बल का निर्रथक उपयोग मानव के लिए खतरा बन सकता है. खूबसूरत और प्रेरक रचना... प्रीति जी😊
  • author
    19 फ़रवरी 2023
    वाह 👌🏻 वाह 👌🏻वाह 👌🏻 वाह 👌🏻 वाह 👌🏻 बहुत उम्दा और बेहतरीन रचना लिखी है आपने आदरणीया 🙏🏻😊🌹👍🏻
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  • author
    apni duniya Manoj karoda
    19 फ़रवरी 2023
    बहुत खूब बहुत खूब बहुत खूब बहुत खूब लिखा है जी 🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹
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    anshu saxena
    20 फ़रवरी 2023
    जीवन की सच्चाई आपने बहुत साफ शब्दों मे बयाँ की है प्रीति जी... जीवन में सादगी और एक दूसरे के सहयोग से ही सब कुछ आसान हो जाता है... छल और बल का निर्रथक उपयोग मानव के लिए खतरा बन सकता है. खूबसूरत और प्रेरक रचना... प्रीति जी😊
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    19 फ़रवरी 2023
    वाह 👌🏻 वाह 👌🏻वाह 👌🏻 वाह 👌🏻 वाह 👌🏻 बहुत उम्दा और बेहतरीन रचना लिखी है आपने आदरणीया 🙏🏻😊🌹👍🏻