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चाय ओ चाय।

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चाय ओ चाय तेरा रंग कैसा, डालो पत्ती जितनी उस जैसा आआआआ, चाय ओ चाय एएएए एएएएए , ...

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लेखक के बारे में
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मंजू दलाल

जज्बातों को शब्दों में पिरोने की कला को ही लेखन कहा जाता है। ऐसा सुना है मैंने अब ये आप तय करेंगे कि क्या हम भी कुछ कह सकते में सक्षम हैं।तो कीजिए फोलो आपका समय चुराने आ i हूं।दिल में रचनाओं के जरिए उतरने आई हूं।बस थोड़ी सी जगह चाहिए। Ek middle class family se hun. Kuch bhavnaon ko shabdon m pirone ki koshish karna chahti hun.

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Ek Raahgir...✍️
    17 अप्रैल 2025
    Wah bahut hi Sundar Kavya srijan "Chai" per 👌👌👌👍
  • author
    Meena Bhatt.
    17 अप्रैल 2025
    खुबे बढिया तरकश से निकाला तीर...😂😂😂
  • author
    Sushma Tomer
    17 अप्रैल 2025
    बढ़िया पैरोडी चाय पर।
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  • author
    Ek Raahgir...✍️
    17 अप्रैल 2025
    Wah bahut hi Sundar Kavya srijan "Chai" per 👌👌👌👍
  • author
    Meena Bhatt.
    17 अप्रैल 2025
    खुबे बढिया तरकश से निकाला तीर...😂😂😂
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    Sushma Tomer
    17 अप्रैल 2025
    बढ़िया पैरोडी चाय पर।