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चाय और तुम्हारा इंतजार

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प्याली में इंतजार लिए बैठे हैं, तुम आओगे यह विश्वास किये बैठे हैं। दिन बीती चाहें रात हम तुम्हें अपना बना बैठे हैं। ये चाय की चुस्की  तुम्हारे चुंबन की मिठास लिए हुए है कब आओगे इतना तो बता दो ...

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लेखक के बारे में
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Radha Gupta Vrindabani

मैं जीवन से जुड़ी कहानियां लिखती हूँ...मन के भाव जो घुमड़ते हैं उन्हें एक जगह समेटती हूँ।उन्हें शब्दों में बाँधती हूँ।

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Poonam Rawat Panwar
    13 जून 2020
    छोटी पर गागर में सागर
  • author
    28 जून 2020
    सुकोमल कविता! पंत जी की रचनाओं सी
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    Poonam Rawat Panwar
    13 जून 2020
    छोटी पर गागर में सागर
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    28 जून 2020
    सुकोमल कविता! पंत जी की रचनाओं सी