pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

चाहा बहुत खुद से ही प्यार करूं

5
7

चाहा बहुत खुद से ही प्यार करूं किसी से न उम्मीद करूं चाहा बहुत खुद को ही मैं सराहऊं मगर सबने मुझमें इतनी खामियां गिनाई खुद में ही कमीयां नजर आने लगी दर्पण के अक्स से भी पूछा क्ई दफा क्या मैं इतनी ...

अभी पढ़ें
लेखक के बारे में
author
Shilpa Modi

अंतर्मन की आवाज़ को देती हूँ शब्दों का आकार, मेरी लेखनी में सिमटा है, संवेदनाओं का संसार। मेरी रचनाएं मौलिक एवं सर्वाधिकार सुरक्षित हैं। Follow on Instagram : https://www.instagram.com/angelitic_thoughts_?igsh=MnRxcGtzejZyamox

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    vimla y jain
    08 मई 2025
    सही है दूसरों की जैसे पहले खुद की जय करो खुद से प्यार करना बहुत जरूरी है हम अपने आप से प्यार करेंगे तभी अपनी खुद की इज्जत कर पाएंगे और आत्मविश्वास से रह सकेंगे
  • author
    संतोष नायक
    08 मई 2025
    बहुत बहुत अच्छी व भावपूर्ण रचना लिखी है आपने ' चाहा बहुत खुद से ही प्यार करूं '।
  • author
    शैलजा (Sofiya)
    08 मई 2025
    बिल्कुल सही। सोचने का नजरिया बदल देने पर जीवन सरल हो जाता है।
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    vimla y jain
    08 मई 2025
    सही है दूसरों की जैसे पहले खुद की जय करो खुद से प्यार करना बहुत जरूरी है हम अपने आप से प्यार करेंगे तभी अपनी खुद की इज्जत कर पाएंगे और आत्मविश्वास से रह सकेंगे
  • author
    संतोष नायक
    08 मई 2025
    बहुत बहुत अच्छी व भावपूर्ण रचना लिखी है आपने ' चाहा बहुत खुद से ही प्यार करूं '।
  • author
    शैलजा (Sofiya)
    08 मई 2025
    बिल्कुल सही। सोचने का नजरिया बदल देने पर जीवन सरल हो जाता है।