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बुंदेली लोकगीत धुन- गारी

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यह हमारे बुंदेलखंड में गाया जाने वाली गारी की धुन पर बनाया गया मेरा पहला प्रयास है इसे हम लोग चेतावनी गीत भी कह सकते है !! 🌟🌟🌟🌟🌟🌟🌟🌟🌟🌟🌟 अरे! भूल गए दुनिया की सब पुरानी रीत नइयाॅ कोउ ...

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लेखक के बारे में
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Puspa Pathak

आप पुष्पा पाठक , शिक्षा विभाग में कार्यरत रही, तथा संस्कृत और हिंदी शिक्षण विषय रहा है। लिखने का शौक बचपन से रहा। आकाशवाणी से भी मेरी कहानियां प्रसारित हुई ।। वर्तमान में कई साझा संकलन में रचनाएं प्रकाशित हो चुकी है ।। प्रकाशित पुस्तक "हवाओं को बहने दो"कलमकार दोस्त" और"कलमबद्ध मैत्री" तुलसी साहित्य अकादमी की पत्रिका कर्म निष्ठा मैं भी कई रचनाएं प्रकाशित हो चुकी है।। अब प्रतिलिपि ऐप के माध्यम से मैं अपने कुछ सपने आप सब के सहयोग से पूर्ण करना चाहती हूं,।। बहुत-बहुत आभार

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    नीतू सिंह
    12 जुलाई 2022
    वाह.…बहुत ही बढ़िया 👌.. बहुत सरल भाषा.. बहुत बढ़िया 👌👌👌
  • author
    12 जुलाई 2022
    Sangeet jivan hai sanjeevani hai punah jivit kr deta hai khoyi gumshuda khushiyo ko,,, prampara rukne Na paaye 🌹🌹🌹🌹🌹
  • author
    Poonam Arora
    12 जुलाई 2022
    बेहद ही सरस मधुर खूबसूरत लगा देसी लोक गीत
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    नीतू सिंह
    12 जुलाई 2022
    वाह.…बहुत ही बढ़िया 👌.. बहुत सरल भाषा.. बहुत बढ़िया 👌👌👌
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    12 जुलाई 2022
    Sangeet jivan hai sanjeevani hai punah jivit kr deta hai khoyi gumshuda khushiyo ko,,, prampara rukne Na paaye 🌹🌹🌹🌹🌹
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    Poonam Arora
    12 जुलाई 2022
    बेहद ही सरस मधुर खूबसूरत लगा देसी लोक गीत