आज मैं आपके सामने अवध के प्रसिद्ध कवि रमई काका की एक बहुत पुरानी कविता बुढ़ऊ का विवाह जो मैंने स्वयं उनके मुंह से सुनी थी आपकी जानकारी के लिए अवधी भाषा में लिखी गई प्रस्तुत कर रहा हूं पढ़िए और अपनी ...
मै ना ही कोई लेखक हूं और ना ही कोई कवि । मात्र लाकडाऊन के चलते खाली समय का सदुपयोग करते हुए कुछ सच घटनाए लिख रहे है । भाषाई त्रुटियो और प्रवाह तथा शैली की कसौटी पर ना कसते हुए ही देखिए ।
सारांश
मै ना ही कोई लेखक हूं और ना ही कोई कवि । मात्र लाकडाऊन के चलते खाली समय का सदुपयोग करते हुए कुछ सच घटनाए लिख रहे है । भाषाई त्रुटियो और प्रवाह तथा शैली की कसौटी पर ना कसते हुए ही देखिए ।
रिपोर्ट की समस्या
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