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बुढ़ापे पर हासय कविता

4.7
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कुछ साल पहले जब हम प्रमाणित जवान थे , सर पर रंगत थी बालों के लहराते खलिहान थे । याद बहुत आता है वह गुजरा हुआ जमाना , जब अपने घर में हम भी शाहरुख खान ...

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KOMAL
समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Kamal Patadiya
    27 अगस्त 2020
    अति सुन्दर!!! .......अब स्त्री की सघर्ष कथाए और सफलता की कहानी पढ़िए https://hindi.pratilipi.com/series/hostel-girls-3of1qxoxrtsw
  • author
    27 अगस्त 2020
    अच्छी जानकारी के साथ सुंदर रचना। 🙏💐💐💐
  • author
    REKHA VERMA
    27 अगस्त 2020
    बेहतरीन लाजवाब रचना
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    Kamal Patadiya
    27 अगस्त 2020
    अति सुन्दर!!! .......अब स्त्री की सघर्ष कथाए और सफलता की कहानी पढ़िए https://hindi.pratilipi.com/series/hostel-girls-3of1qxoxrtsw
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    27 अगस्त 2020
    अच्छी जानकारी के साथ सुंदर रचना। 🙏💐💐💐
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    REKHA VERMA
    27 अगस्त 2020
    बेहतरीन लाजवाब रचना