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बूढ़ा आदमी

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जिन्दगी के आखिरी पड़ाव में आदमी के जीवन में आती मुश्किलों को बयां करती एक कविता उम्मीद है आप सभी को बहुत पसंद आएगी।

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लेखक के बारे में
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Bhuvneshwar Chaurasiya

मै भुवनेश्वर चौरसिया निक नेम भुनेश बजही खोदाबनदपुर बेगूसराय बिहार से हूं असमय ही उच्च शिक्षा से वंचित हो गया था शिक्षा दीक्षा कुछ खास नहीं लेकिन थोड़ी बहुत शब्दों को जोड़ना सीख गया। एक सपना था कि साहित्य कार बनूं और डूबते को तिनके का सहारा मिल गया जो दो शब्द आपके बीच रख पाता हूं आप लोगों के सामने भला बुरा प्रतिलिपि पर ही प्रकाशित है ।

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    15 फ़रवरी 2018
    जीवन की सच्चाई को बयाँ करती है । बहुत बहुत हार्दिक बधाई शुभकामनाएँ ।
  • author
    chandradeep raj rathor
    24 अक्टूबर 2019
    बहुत सुन्दर रचना
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    15 फ़रवरी 2018
    जीवन की सच्चाई को बयाँ करती है । बहुत बहुत हार्दिक बधाई शुभकामनाएँ ।
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    chandradeep raj rathor
    24 अक्टूबर 2019
    बहुत सुन्दर रचना