pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

ब्रेकर

4.6
7169

आज अपार ने सोशल साइट पर एक पोस्ट देखा, – ‘पहले बाल-विवाह होता था अब बाल-प्रेम होता है।’ पोस्ट एक समूह के एडमिन द्वारा किया गया था। अपार साहित्य का विद्यार्थी था। साहित्य से अनुराग था। पढ़ता तो था ही, ...

अभी पढ़ें
लेखक के बारे में

लेखन जिसके लिए संजीवनी है, पढ़ना असंख्य मनीषियों की संगति, किताबें मंदिर और लेखक उस मंदिर के देव-देवी। कठकरेज’ (कहानी संग्रह) तथा मैथिली भोजपुरी अकादमी, दिल्ली से ‘जिनगी रोटी ना हऽ’ (कविता संग्रह), 'सम्भवामि युगे युगे' (लेख-संग्रह) व 'ऑनलाइन ज़िन्दगी' (कहानी संग्रह) प्रकाशित हो चुकी है। साझा काव्य संग्रह ‘पंच पल्लव’ और 'पंच पर्णिका' का संपादन भी किया है। वर्ण-पिरामिड का साझा-संग्रह ‘अथ से इति-वर्ण स्तंभ’ तथा ‘शत हाइकुकार’ हाइकु साझा संग्रह में आ चुके हैं। साहित्यकार श्री रक्षित दवे द्वारा अनुदित इनकी अट्ठाइस कविताओं को ‘वारंवार खोजूं छुं’ नाम से ‘प्रतिलिपि डाॅट काॅम’ पर ई-बुक भी है। आकाशवाणी और कई टी.वी. चैनलों से निरंतर काव्य-कथा पाठ प्रसारित होते रहने के साथ ही ये अपने गृहनगर में साहित्यिक संस्था ‘संवाद’ का संयोजन करते रहे हैं। इन्होंने हिंदी टेली फिल्म ‘औलाद, लघु फिल्म ‘लास्ट ईयर’ और भोजपुरी फिल्म ‘कब आई डोलिया कहार’ के लिए पटकथा-संवाद और गीत लिखा है। ये अबतक लगभग तीन दर्जन नाटकों-लघुनाटकों का लेखन और निर्देशन कर चुके हैं। वर्तमान में कई पत्रिकाओं के संपादक मंडल से जुड़े हुए हैं। साल 2002 से हिंदी शिक्षण और पाठ्यक्रम निर्माण में संलग्न हैं तथा वर्तमान में दिल्ली परिक्षेत्र में शिक्षण-कार्य करते हुए स्वतंत्र लेखन करते हैं। ये विश्व-पटल पर छात्रों को आॅनलाइन हिंदी पढ़ाते हैं। राजापुरी, उत्तम-नगर, नई दिल्ली

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    सोनाली "✍️❤️"
    30 नवम्बर 2017
    Apki kahani bahut hi sateek andaz me likhi hain apne. Umda
  • author
    Navneet Gupta
    22 नवम्बर 2017
    best
  • author
    03 नवम्बर 2020
    सुंदर रचना, धन्यवाद! वास्तविकता तो यही है आगे बढ़ने के लिए सीढ़ी चाहिए ब्रेकर नहीं।
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    सोनाली "✍️❤️"
    30 नवम्बर 2017
    Apki kahani bahut hi sateek andaz me likhi hain apne. Umda
  • author
    Navneet Gupta
    22 नवम्बर 2017
    best
  • author
    03 नवम्बर 2020
    सुंदर रचना, धन्यवाद! वास्तविकता तो यही है आगे बढ़ने के लिए सीढ़ी चाहिए ब्रेकर नहीं।