मेरा नाम शालिनी गुप्ता हैं।मेरा जन्म कानपुर में हुआ हैं।मैं एक हाऊस वाइफ हू।मुझे पढ़ना लिखना पसन्द है।और जीवन में एक गुमनाम जिन्दगी को नाम देने का सफर है।
सारांश
मेरा नाम शालिनी गुप्ता हैं।मेरा जन्म कानपुर में हुआ हैं।मैं एक हाऊस वाइफ हू।मुझे पढ़ना लिखना पसन्द है।और जीवन में एक गुमनाम जिन्दगी को नाम देने का सफर है।
हमीं ज़ख़्म खाएं है ये ज़माने से, ये ख्याल रखते थे हम "गुलशन"।
दीवाने और भी है जहाँ में दुनियाँ से जख्म खाएं हुए, तुमसे मिलने पे मालूम हुआ।।
यक़ीनन बहुत खूबसूरत तरीके से बयां किया है नायिका का दर्द
🙏🏽🙏🏽🙏🏽🌹🌹🌹😍😍😍
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हमीं ज़ख़्म खाएं है ये ज़माने से, ये ख्याल रखते थे हम "गुलशन"।
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