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बर्थ डे में दादा

4.5
4397

लोगों ने मुझसे कह रखा है कि आप अपने को हंफाइये और पसीना बहाइये इसलिए मैं कभी-कभी पार्क में टहलने जाता हूं। पार्क में नहीं जाने की स्थिति में कभी-कभी घर में भी फूं-फां कर लेता हूं। लेकिन लोग ऐसे हैं ...

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लेखक के बारे में
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अजय प्रकाश
समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Prema Negi
    06 जुलाई 2016
    आज की तथाकथित आधुनिक पीढ़ी के जीवन का साक्षात् कराती कहानी.....यह कहानी नहीं समाज के सच को दिखाता आइना है....जो हमारे-आपके आसपास या घर में हर जगह मौजूद है... अगर इस बात की पड़ताल की जाये तो वाकई स्थिति पीड़ादायक होगी कि आज का बच्चा अपने दादी-बाबा को नहीं पहचानता......
  • author
    Meena Manglik
    31 जुलाई 2021
    सत्य और दुखद पहलू है जीवन का । कमी हमारी परवरिश मे नहीं बल्कि बच्चों को जो ऊंचे सपने दिखायेजाते हैं लेकिन वे शहरी चकाचौंध मे सब भूल जाते हैं अपने माता पिता को भी
  • author
    Abha Raizada
    09 जून 2020
    ab dhalte suraj ko pranam karne wale vilupt hote ja rahe hai 😟mana ki nai peedhi ke apne sangharsh hain lekin kya woh log apne bhavishya ko dekh paate hain?jaise woh log apne bacchon ko unke grand parents se dur karenge toh kal jab unki zindagi ki shaam hogi tab pachtayenge.😒 kahani behad marmik aur buzurgon ki manodasha ka safalta poorwak varnan karti hai,kathakar ko sadar pranam...
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    Prema Negi
    06 जुलाई 2016
    आज की तथाकथित आधुनिक पीढ़ी के जीवन का साक्षात् कराती कहानी.....यह कहानी नहीं समाज के सच को दिखाता आइना है....जो हमारे-आपके आसपास या घर में हर जगह मौजूद है... अगर इस बात की पड़ताल की जाये तो वाकई स्थिति पीड़ादायक होगी कि आज का बच्चा अपने दादी-बाबा को नहीं पहचानता......
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    Meena Manglik
    31 जुलाई 2021
    सत्य और दुखद पहलू है जीवन का । कमी हमारी परवरिश मे नहीं बल्कि बच्चों को जो ऊंचे सपने दिखायेजाते हैं लेकिन वे शहरी चकाचौंध मे सब भूल जाते हैं अपने माता पिता को भी
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    Abha Raizada
    09 जून 2020
    ab dhalte suraj ko pranam karne wale vilupt hote ja rahe hai 😟mana ki nai peedhi ke apne sangharsh hain lekin kya woh log apne bhavishya ko dekh paate hain?jaise woh log apne bacchon ko unke grand parents se dur karenge toh kal jab unki zindagi ki shaam hogi tab pachtayenge.😒 kahani behad marmik aur buzurgon ki manodasha ka safalta poorwak varnan karti hai,kathakar ko sadar pranam...