इस प्रसिद्ध कहावत का अर्थ है कि कई बार इंसान को उसकी योग्यता, कर्मों, परिश्रम और भाग्यानुसार, बिना माँगे य्य चाहे भी अमूल्य वस्तुएँ (मोती) प्राप्त हो जातीं हैं। वहीं किसी को दर-दर ...
इस प्रसिद्ध कहावत का अर्थ है कि कई बार इंसान को उसकी योग्यता, कर्मों, परिश्रम और भाग्यानुसार, बिना माँगे य्य चाहे भी अमूल्य वस्तुएँ (मोती) प्राप्त हो जातीं हैं। वहीं किसी को दर-दर ...