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बिखरी मोहब्बत

4.6
52

वो एक अंधेरे सा डूबा हुआ था   वो अपनी मोहब्बत में खोया हुआ था मोहब्बत बहुत थीं उसे अपनी महबूबा  से हर शाम सूरज ढलने तक उसे पुकारा करता था, जाने क्या वजह रही होगी उसकी ...

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लेखक के बारे में
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Mohika singh Solanki

एक जिंदा परिंदा......... कैद है अपने पिंजरे में....

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    15 अप्रैल 2020
    बहुत बढियां 👌👌👌
  • author
    km poonam baghel
    13 अप्रैल 2020
    kucch adhurapan h
  • author
    Vivek Mishra
    13 अप्रैल 2020
    बहुत ही खूबसूरत
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  • author
    15 अप्रैल 2020
    बहुत बढियां 👌👌👌
  • author
    km poonam baghel
    13 अप्रैल 2020
    kucch adhurapan h
  • author
    Vivek Mishra
    13 अप्रैल 2020
    बहुत ही खूबसूरत