ले सौगन्ध प्रकाश पर्व का जन कल्याण मनुज धर्म का माटी दीया जलाएंगें बिजली हम बचाएंगें है कोयला जल तेल गैस सीमित यह उत्पादक ,खपत असीमित जन जन को समझाएंगें बिजली हम बचाएंगें अनगिनत बल्ब हम यहां ...
मैं इंदिरा एक गृहिणी हूँ । मेरी शैक्षणिक योग्यता M.Sc (Chem)और B.ed है। मुझे प्रकृति व संवेदनशील घटना पर कविता लिखना अच्छा लगता है। इसके अलावा हास्य, व्यंग्य, जोगीरा (होली)पर भी लिखती हूँ ।और आपसे पढ़ने की अपेक्षा रखती हूँ।
सारांश
मैं इंदिरा एक गृहिणी हूँ । मेरी शैक्षणिक योग्यता M.Sc (Chem)और B.ed है। मुझे प्रकृति व संवेदनशील घटना पर कविता लिखना अच्छा लगता है। इसके अलावा हास्य, व्यंग्य, जोगीरा (होली)पर भी लिखती हूँ ।और आपसे पढ़ने की अपेक्षा रखती हूँ।
रिपोर्ट की समस्या
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