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भूतों पर ट्रेन पुराण 😇

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😎 छुक -छुक चल पड़ी पटरी पे भूतहा ट्रेन , अस्थि पंजर जर -जर ,बिखरे थे कंकाल ..!! मुंड हीन देह थी नर पिशाच- मसान , हाथ भी आड़े टेढ़े दिखता था शमशान ..!! ट्रेन रूका सुंदरी चढ़ी , खतरे में थे प्राण ...

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लेखक के बारे में
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Sunanda Aswal

मेरे अनुभव ही मेरा लेखन है । अन्य मंचों द्वारा पारितोषक प्रदान किया है ,कहानी , कविता, उपन्यास में विशेष रुचि रखती हूं । लेखन में रूचि मुझे यहाँ तक ले आई । आप लोगों का सहयोग अपेक्षित है । मैं सामाजिक संस्था से जुड़ी हू , वहां शिक्षा देती हूं .। मेरा मानना है कि मन के भाव को प्रकट करना ही लेखन कला है । इससे आपकी पर्सनेलिटी हद तक प्रभावित होती है । जब इस विशाल समुंदर में गोता लगा ही लिया है तो लहरों से भय नहीं लगता । स्वागत है ☺️

समीक्षा
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    08 जुलाई 2021
    ✍️👌👌👌👌👌👌👌👌🏵️🏵️🏵️🏵️🏵️🏵️🏵️🏵️🏵️🏵️🏵️🏵️🏵️🏵️💞💞💞🏵️🏵️💞🏵️💞🏵️💞🏵️💞🏵️💞💞🍁🏵️💞💞🏵️💞🏵️💞💞💞🏵️💞🏵️💞🏵️💞🏵️💞🏵️💞💞🏵️💞🏵️🌿💞🏵️💞🏵️🌿💞🌿💞💞💞🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹✍️👌💞🏵️💞🏵️💞💞💞🏵️💞
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    08 जुलाई 2021
    क्या होगो अंजाम, सो तो थम ही जाणों कविता घणी चोखी बण गी, हमरी बात यो माणो 🙏🙏🙏🌹🌹🌹💐💐💐💐💐💐💐
  • author
    Om shri Singh
    08 जुलाई 2021
    बहुत बढ़िया । भूतनियाँ भी जब अपने भूतों की प्रेमिका से परेशान हैं तो फिर सामान्य मानवी क्यों न हो।
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    08 जुलाई 2021
    ✍️👌👌👌👌👌👌👌👌🏵️🏵️🏵️🏵️🏵️🏵️🏵️🏵️🏵️🏵️🏵️🏵️🏵️🏵️💞💞💞🏵️🏵️💞🏵️💞🏵️💞🏵️💞🏵️💞💞🍁🏵️💞💞🏵️💞🏵️💞💞💞🏵️💞🏵️💞🏵️💞🏵️💞🏵️💞💞🏵️💞🏵️🌿💞🏵️💞🏵️🌿💞🌿💞💞💞🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹✍️👌💞🏵️💞🏵️💞💞💞🏵️💞
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    08 जुलाई 2021
    क्या होगो अंजाम, सो तो थम ही जाणों कविता घणी चोखी बण गी, हमरी बात यो माणो 🙏🙏🙏🌹🌹🌹💐💐💐💐💐💐💐
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    Om shri Singh
    08 जुलाई 2021
    बहुत बढ़िया । भूतनियाँ भी जब अपने भूतों की प्रेमिका से परेशान हैं तो फिर सामान्य मानवी क्यों न हो।