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"भुजंग प्रयात छन्द"

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महावीर हनुमान लंका जलायें। करें ध्यान प्रभु का भुजा बल दिखायें। सिया को सुनाया सभी हाल प्रभु का जला लंक रावण सबक को सिखायें।। करे वंदना दीन जो चाह पावैं। कमल नैन रघुराइ किरपा दिखावैं। धरें ...

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लेखक के बारे में
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प्रीति शर्मा

लिखने का शौक था बचपन में,पर माहौल नहीं। मां का डर शौक पर भारी था।फिरलम्बे अंतराल कुछ रियायत हुई तो कुछ कवितायें,लेख लिखे,लोकल पत्रिकाओं व अखबारों में छपे भी,कार्य गोष्ठी में भी पढाऔर फिर शादी और बीस साल का लम्बा अंतराल। मां की याद में उनके जाने के चार दिन बाद अपनी अभिव्यक्ति कविता के रूप में।अब अपना पेज"कुछ अनकही"पर कभी कभी अभिव्यक्तियां लिख देती हूं।स्कूल में हिंदी प्राध्यापिका हूं। बच्चे पढ़ने वाले हैं तो समय कम ही मिलता है। प्रतिलिपि पर दो साल हो चुके हैं और अब चौदह लाख पाठक संख्या होने वाली है।स्वदेश में"अमर जवान" कहानी प्रथम स्थान पर आई जिसमें नगद पुरस्कार मिला था।" डायरी लेखन अक्टूबर" दूसरा स्थान मिला है। इससे पहले प्रतिलिपि पेन फ्रेंड मैं कई सारी प्रतियोगिताओं में प्रथम,द्वितीय, तृतीय स्थान,निबंध, कविता और कहानियों पर मिले। पिछले वर्ष श श श... हांटैड कैमरा और मानसून कहानियों,कोरोना वारियर के नाम पत्र में भी प्रमाण पत्र मिला,मंथ ऑफ द वीक"माँ"पर और शार्ट स्टोरी आदि रचनायें, पुरस्कृत रचनाओं में शामिल हुईं। प्रतिलिपि ने मेरे लेखन के शौक को पंख दिए इसके लिए प्रतिलिपि का धन्यवाद💐💐💐💐🙏🙏🙏

समीक्षा
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    SN Tiwari
    06 नवम्बर 2020
    परशुराम के आग्रह पर सदाशिव ने गुरु दक्षिणा मे शेष मणि मांगी। परशुराम और शेषनाग मे प्रलयंकारी युद्ध हुआ। युद्ध मे परशुराम से शिकस्त पा शेष ने पशुपतिनाथ का ध्यान किया। शेष ने परशुराम से कहा कि मुझसे ब्याकरण और छंद शास्त्र की विद्या ले लो क्योंकि मेरे मरने से वह विनष्ट हो जाएगी। **** विशिष्ट छंदो से शिव स्तुति सूनते सुनते परशुराम ध्यानस्थ हो गए और मौका पाकर शेषनाग भाग निकले। *** जब परशुराम होश मे आए तो शेष को ढूढते हुए पीछे दौडे तब तक भुजंग दूर निकल चुका था। परशुराम ने कहा-भुजंग प्रयात-अर्थात् नाग जा रहा है। *** छंद था- नमामीशमीशान निर्वाण रूपं..... **** प्रभुं प्राणनाथं विभुं विश्वनाथं... **** जिसे सुन परशुराम शिवभक्ति में डूब गए थे और शेषनाग अपनी जान बचाने में सफल हुए। ।
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    06 नवम्बर 2020
    जय हनुमान जी
  • author
    मृगांक दीक्षित
    06 नवम्बर 2020
    बहुत बढ़िया।
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    SN Tiwari
    06 नवम्बर 2020
    परशुराम के आग्रह पर सदाशिव ने गुरु दक्षिणा मे शेष मणि मांगी। परशुराम और शेषनाग मे प्रलयंकारी युद्ध हुआ। युद्ध मे परशुराम से शिकस्त पा शेष ने पशुपतिनाथ का ध्यान किया। शेष ने परशुराम से कहा कि मुझसे ब्याकरण और छंद शास्त्र की विद्या ले लो क्योंकि मेरे मरने से वह विनष्ट हो जाएगी। **** विशिष्ट छंदो से शिव स्तुति सूनते सुनते परशुराम ध्यानस्थ हो गए और मौका पाकर शेषनाग भाग निकले। *** जब परशुराम होश मे आए तो शेष को ढूढते हुए पीछे दौडे तब तक भुजंग दूर निकल चुका था। परशुराम ने कहा-भुजंग प्रयात-अर्थात् नाग जा रहा है। *** छंद था- नमामीशमीशान निर्वाण रूपं..... **** प्रभुं प्राणनाथं विभुं विश्वनाथं... **** जिसे सुन परशुराम शिवभक्ति में डूब गए थे और शेषनाग अपनी जान बचाने में सफल हुए। ।
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    06 नवम्बर 2020
    जय हनुमान जी
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    मृगांक दीक्षित
    06 नवम्बर 2020
    बहुत बढ़िया।