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भ्रूण हत्या

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बिना किसी कसूर के ही..... सजा- ए-मौत दी जाती है उसे, बेटी होने की कीमत..... इस तरह चुकानी पड़ती है क्यों उसे। किस अपराध का आखिर... दण्ड कठोर इतना मिलता है उसे, क्यों ममता का आंचल भी.... नसीब नहीं ...

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लेखक के बारे में
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मीनू वर्मा

हिन्दी साहित्य से बेपनाह प्यार करती हूं। साहित्य के सागर की एक ऐसी बूंद बनाना चाहती हूं जो अपनी शीतलता से जन- जीवन में शांति व खुशियों का संचार कर सके। आपसब से सहयोग की अपेक्षा रखती हूं 🙏🙏

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Usha Pillai
    07 मई 2022
    सही कहा आपने 👍👍 बहुत ही बेहतरीन सृजन 👍👌👌🙏💐💐
  • author
    Sanjay Ni_ra_la
    07 मई 2022
    ना जाने कब यह रुकेगा, कडे कानून के बावजूद कानून को धता बताते हुए लोग कुछ पैसों के लोभीयों से मिलकर ये काम कर लेते हैं उसकी वजह है दहेज प्रथा, जिसका अभी तक हमारे समाज से निर्मूलन नहीं हुआ है बहुत ही ज्वलंत मुद्दा उठाया आपा ने रचना के माध्यम से
  • author
    BABITA MISHRA
    07 मई 2022
    दिल को व्यथित करती आपकी ये रचना वास्तव में सवाल खड़ा करती है मैम..सच है बेटियों को किस गलती की सजा मिलती है जो उन्हें कोख में ही मार दिया जाता है बहुत मार्मिक अभिव्यक्ति... भावपूर्ण चित्रण किया आपने..🙏🙏🙏🌹🌹🌹💕💕🌻🌻🌻
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    Usha Pillai
    07 मई 2022
    सही कहा आपने 👍👍 बहुत ही बेहतरीन सृजन 👍👌👌🙏💐💐
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    Sanjay Ni_ra_la
    07 मई 2022
    ना जाने कब यह रुकेगा, कडे कानून के बावजूद कानून को धता बताते हुए लोग कुछ पैसों के लोभीयों से मिलकर ये काम कर लेते हैं उसकी वजह है दहेज प्रथा, जिसका अभी तक हमारे समाज से निर्मूलन नहीं हुआ है बहुत ही ज्वलंत मुद्दा उठाया आपा ने रचना के माध्यम से
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    BABITA MISHRA
    07 मई 2022
    दिल को व्यथित करती आपकी ये रचना वास्तव में सवाल खड़ा करती है मैम..सच है बेटियों को किस गलती की सजा मिलती है जो उन्हें कोख में ही मार दिया जाता है बहुत मार्मिक अभिव्यक्ति... भावपूर्ण चित्रण किया आपने..🙏🙏🙏🌹🌹🌹💕💕🌻🌻🌻