pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

भूली दास्तां - अपराध

5
247

यह कहानी है अपनी मां की रहस्यमय मौत से जुड़े सवालों का जवाब तलाशती एक लड़की की। जिसके लिए सच और वहम का अंतर कर पाना सबसे बड़ी चुनौती है।

अभी पढ़ें
सबूत
पुस्तक का अगला भाग यहाँ पढ़ें सबूत
प्रगति मिश्रा
4

शीना - (परेशान होकर) - हे भगवान क्या करूं मैं तुम्हारा, कोई रिपोर्ट वगैरह नहीं घर चलो। (मोहित को देखकर) सॉरी इंस्पेक्टर आपको बेवजह हमारी बेटी ने परेशान किया। हमें यहां से जाना होगा। मोहित- एक मिनट, ...

Hurray!
Pratilipi has launched iOS App

Become the first few to get the App.

Download App
ios
लेखक के बारे में

प्रगति हूं मैं प्रगति करनी है मुझे, सफलता के शिखर पर चढ़ना है मुझे। नाम तो बहुत से लोग कमाते हैं दुनिया में, अपने नाम का पर्याय बनना है मुझे... #reporter, #writer, #moody . I don't know what I am. but I love to be whatever I am.

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • रचना पर कोई टिप्पणी नहीं है
  • author
    आपकी रेटिंग

  • रचना पर कोई टिप्पणी नहीं है