pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

भूख का कटोरा

4.1
778

आज कल चिता की आंच पर पकते हैं कितने भूखे किसान जो बोते हैं तड़पती भूख के बीज को धरती के उमसते आंवें में चढ़ाते हैं धधकते सूरज को जल करते हैं इंद्र से प्रार्थना कि बारिश की नर्म बूंदों से खिल जाये ...

अभी पढ़ें
लेखक के बारे में
author
रेणु मिश्रा

रेणु मिश्रा, पेशे और पैशन दोनों से कवि/लेखक, जन्म 18 दिसंबर को वाराणसी में हुआ और उसके बाद लगभग पूरे हिंदुस्तान की सैर की, इसलिये स्वभाव घुमक्कड़, प्रकृति-प्रेमी और मनमौजी हैं मगर हाशिये पर खड़े हर व्यक्ति, हर स्त्री के प्रति संवेदनशील हैं । बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से दर्शनशास्त्र में परास्नातक किया, इसके उपरांत सिक्किम मणिपाल विश्वविद्यालय से पत्रकारिता व जनसंपर्क में परास्नातक की शिक्षा प्राप्त की। पिछले कई वर्षों से कविता, कहानी, यात्रा-वृतांत इत्यादि के ज़रिए हिंदी साहित्य से जुड़ाव है। विभिन्न दैनिक समाचारपत्रों व साहित्यिक पत्रिकाओं जैसे :- वागर्थ, पाखी, कादंबिनी, आउटलुक, कथाक्रम, कथादेश, कृति-ओर, गाथांतर, यथावत, लोक-विमर्श, दैनिक जागरण, अमर उजाला काव्य, इत्यादि में समय-समय पर कवितायें एवं कहानियाँ प्रकाशित होती रही हैं। कुछ प्रकाशित किताबें इस प्रकार हैं : 1.जब मैं कोई नहीं हूँ (काव्य-संग्रह), बोधि प्रकाशन ASIN - BO89RKRDGX 2. विरहगीतिका (साझा काव्य संग्रह), हिन्द युग्म ISBN - 9381394628 3. धूप के रंग (साझा काव्य संग्रह), हिन्द युग्म ISBN - 9381394881 4.धूप के रंग (साझा कहानी संग्रह), राही प्रकाशन ISBN - 978-8193575208 5. रेखाएँ बोलती हैं (साझा कहानी संग्रह), शिवना प्रकाशन ISBN - B07C3J84W4 इसके अलावा कविता-कोश में भी कविताएँ संकलित हैं। प्रसिद्ध कहानीकार व गीतकार नीलेश मिसरा के ऑनलाइन प्लैटफ़ार्म yourmic द्वारा इनकी कविताओं के विडियो-सिरीज़ रीलीज़ किया गया है, जिसे उनके हजारों-लाखों दर्शकों ने देखा और सराहा। वर्तमान पता- अलीगढ़, उत्तर-प्रदेश। ईमेल- [email protected]

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    अरुण
    23 सितम्बर 2018
    सत्य के करीब, very nic👍
  • author
    Satyendra Kumar Upadhyay
    15 अक्टूबर 2015
    अच्छी कविता है । सलीखे से रचित ।
  • author
    रमेश पाली
    30 अगस्त 2018
    बहुत खूब
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    अरुण
    23 सितम्बर 2018
    सत्य के करीब, very nic👍
  • author
    Satyendra Kumar Upadhyay
    15 अक्टूबर 2015
    अच्छी कविता है । सलीखे से रचित ।
  • author
    रमेश पाली
    30 अगस्त 2018
    बहुत खूब