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भोजपुरी लोकगीत

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आज नहीं तव कल ये बाबू, करनी तोहर रंग लिआई। केतनो रोइबा भइस के आगे, बइठ भइस पगुराई।। बबूरा के जव पेड़ लगइबा, आम के फर न आई। ...

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लेखक के बारे में
author
Mahendra Maurya

"संघर्ष कर आगे बढ़ो, सत्य को चूनो, मानवता की पूजा करो,कर्म को प्रधानता दो, खूद पर भरोसा करो और ईश्वर में विश्वास रखो।यही मेरे जीवन का मूल मंत्र है। "

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Jayshree Pandey "Nancy"
    25 जुलाई 2020
    वाह बहुत खूब बहुत ही बढ़िया गीत लिखा है आपने सर 👌👌🙏🙏💐 मेरी रचना को पढ़िएगा जरुर
  • author
    Seema Ojha
    25 जुलाई 2020
    जिनगी के इहे बा सच्चाई, करम के लेख मिटे ना भाई, शानदार कृति👏👌👌
  • author
    दीपक वर्मा "दीप"
    25 जुलाई 2020
    लोकशैली में एक अलग अंदाज और बहुत ही बेहतरीन उम्दा रचना है।
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    Jayshree Pandey "Nancy"
    25 जुलाई 2020
    वाह बहुत खूब बहुत ही बढ़िया गीत लिखा है आपने सर 👌👌🙏🙏💐 मेरी रचना को पढ़िएगा जरुर
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    Seema Ojha
    25 जुलाई 2020
    जिनगी के इहे बा सच्चाई, करम के लेख मिटे ना भाई, शानदार कृति👏👌👌
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    दीपक वर्मा "दीप"
    25 जुलाई 2020
    लोकशैली में एक अलग अंदाज और बहुत ही बेहतरीन उम्दा रचना है।