pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

भिक्षुक (कविता)

1
19

ये कविता परिवार के उस दृश्य का वर्णन करती है जिसमें माता पिता अपनी सन्तानों के लिए पुरा जीवन खर्च कर देते हैं और वही बच्चे उन्हें वृध्दावस्था में घर से बाहर निकाल देते हैं ।

अभी पढ़ें
लेखक के बारे में
author
देव गुप्ता

कविता लेखन,लघुकथा लेखन एवं गायन का शौक है

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Khushi Khushi Sona
    05 फ़रवरी 2019
    बहुत खूब
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Khushi Khushi Sona
    05 फ़रवरी 2019
    बहुत खूब