pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

भिखमंगे

4.8
216

"बाबू जी कुछ पैसे देदो दो दिन से भूखा हूँ। अन्न का एक भी दाना पेट में नहीं गया। आपकी बड़ी मेहरबानी होगी भगवन के नाम  पर कुछ देदो।" मेने एक भिखारी को सड़क किनारे एक बहुत ही अमीर व्यक्ति से जो की ...

अभी पढ़ें
लेखक के बारे में
author
Monika Garg

For business purpose,plz contact us on monika. [email protected] लिखना मेरी मजबूरी है ।क्यो कि मन में विचारों का ऐसा तूफान आता है जब तक उसे कागज पर ना उतार दूँ तब तक आत्मा को चैन नहीं मिलता । छोटी सी लेखिका हैं शब्द, लेखिनी, स्टोरी मिरर, रश्मिरथी सभी मंचों पर लिखती हूं। तीन पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी है। आखिर खता क्या थी मेरी? रोचक शिक्षाप्रद कहानियां मन की बातें आखिर खता क्या थी मेरी को आप अमेज़न और फिलिप कार्ट से भी खरीद सकते हैं बाकी की दोनों पुस्तकें आप शब्द डाट इन की वेबसाइट से खरीद सकते है। धन्यवाद।

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    गुमनाम ?
    09 डिसेंबर 2019
    भीख मांगने वाले अक्शर बड़ी कुर्सियों पर बैठ कर बिख मांगा करिते है ।
  • author
    05 सप्टेंबर 2019
    बहोत ज़बर्दस्त कहानी है
  • author
    Mayra
    06 डिसेंबर 2019
    कहानी का विषय अच्छा है और आज के नेताओं और उच्च अधिकारियों के दोगले चरित्र के बारे में सोचने पर मजबूर कर रहा है। परंतु व्याकरण संबंधी कुछ अशुद्धियां है कृपया उस पर ध्यान दें। 💐💐🙏
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    गुमनाम ?
    09 डिसेंबर 2019
    भीख मांगने वाले अक्शर बड़ी कुर्सियों पर बैठ कर बिख मांगा करिते है ।
  • author
    05 सप्टेंबर 2019
    बहोत ज़बर्दस्त कहानी है
  • author
    Mayra
    06 डिसेंबर 2019
    कहानी का विषय अच्छा है और आज के नेताओं और उच्च अधिकारियों के दोगले चरित्र के बारे में सोचने पर मजबूर कर रहा है। परंतु व्याकरण संबंधी कुछ अशुद्धियां है कृपया उस पर ध्यान दें। 💐💐🙏