लेखनी चला कर लिखने की कोशिश करता हूँ
मन के भाव कागज़ पर उतर कब जाते है
पता ही नहीं चलता।
कुछ लोगों से पता चला कि मैं कविता लिखने लगा हूँ ।।
स्नातकोत्तर ( हिन्दी, राजनीति विज्ञान)
विश्वविधालय अनुदान आयोग-सहायक प्राध्यापक परीक्षा
जुलाई-2016 हिन्दी विषय से उतीर्ण
बी एड ( दिल्ली विश्वविद्यालय)
वर्तमान में दिल्ली विश्वविद्यालय में अंशकालिक सहायक प्रोफेसर के रूप में कार्यरत।
लेखन कार्य
विभिन्न प्रतिष्ठित राष्ट्रीय अखबारों में लेख।
राष्ट्रीय हिन्दी पत्रिका सुमन सौरभ में निबंध प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार से सम्मानित।
प्रतिलिपि संस्था ने 250 लेखकों में चयन और प्रोत्साहन के लिए चुना।
दो काव्य संग्रह प्रकाशित
1 सतरंगी सपने (काव्य संग्रह ) जनवरी-2019
2 पलाश के फूल (काव्य संग्रह ) अगस्त-2019
रिपोर्ट की समस्या
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