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भेड़ बन गया भेड़िया..

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आख़िर कब तक मैं अपनी कमजोरीयों को अपने कंधे पर ढोता हुआ रोता रहता.. मैंने अपनी कमजोरियों को अपनी ताकत बनाने  की जुगत की और सफलता मेरे चरणों की दासी हुई पड़ी है.. कैसे.. सुनो.. मैं एक जगह चतुर्थ श्रेणी ...

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लेखक के बारे में
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Mohan Sharma

🌹आदमी सच बोलने की सज़ा पाता है.. इसलिए वो सच बोलने से घबराता है .🌹

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    योगेश मिश्रा
    07 फ़रवरी 2024
    श्रेष्ठ, शानदार रचना कृपया मेरी कविताओं/ लघु उपन्यास को भी पढ़ कर अपनी समीक्षा प्रदान करें कृपया प्रतिलिपि पर मुझे फॉलो करें, https://pratilipi.page.link/9in1qStLaGz443BVA
  • author
    neha sharma
    06 फ़रवरी 2024
    😂😂😂😂😂😂 mujhe bhi nhi pata tha
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    योगेश मिश्रा
    07 फ़रवरी 2024
    श्रेष्ठ, शानदार रचना कृपया मेरी कविताओं/ लघु उपन्यास को भी पढ़ कर अपनी समीक्षा प्रदान करें कृपया प्रतिलिपि पर मुझे फॉलो करें, https://pratilipi.page.link/9in1qStLaGz443BVA
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    neha sharma
    06 फ़रवरी 2024
    😂😂😂😂😂😂 mujhe bhi nhi pata tha