आख़िर कब तक मैं अपनी कमजोरीयों को अपने कंधे पर ढोता हुआ रोता रहता.. मैंने अपनी कमजोरियों को अपनी ताकत बनाने की जुगत की और सफलता मेरे चरणों की दासी हुई पड़ी है.. कैसे.. सुनो.. मैं एक जगह चतुर्थ श्रेणी ...
श्रेष्ठ, शानदार रचना
कृपया मेरी कविताओं/ लघु उपन्यास को भी पढ़ कर अपनी समीक्षा प्रदान करें
कृपया प्रतिलिपि पर मुझे फॉलो करें,
https://pratilipi.page.link/9in1qStLaGz443BVA
रिपोर्ट की समस्या
सुपरफैन
अपने प्रिय लेखक को सब्सक्राइब करें और सुपरफैन बनें !
श्रेष्ठ, शानदार रचना
कृपया मेरी कविताओं/ लघु उपन्यास को भी पढ़ कर अपनी समीक्षा प्रदान करें
कृपया प्रतिलिपि पर मुझे फॉलो करें,
https://pratilipi.page.link/9in1qStLaGz443BVA
रिपोर्ट की समस्या
सुपरफैन
अपने प्रिय लेखक को सब्सक्राइब करें और सुपरफैन बनें !
रिपोर्ट की समस्या
रिपोर्ट की समस्या