अकेली औरत पीछे लौटती है , बीसियों साल पहले के मौसम में जब वह अकेली नही थी , सुबह से फिरकनी की तरह घर में घूमने लगती थी , इसके लिए जूस , उसके लिए शहद नीबू , पलंग पर पड़ी बीमार सास तिपाई पर रखी उसकी ...
अकेली औरत पीछे लौटती है , बीसियों साल पहले के मौसम में जब वह अकेली नही थी , सुबह से फिरकनी की तरह घर में घूमने लगती थी , इसके लिए जूस , उसके लिए शहद नीबू , पलंग पर पड़ी बीमार सास तिपाई पर रखी उसकी ...