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भारतीय धर्म और दर्शन की घोषयात्रा का शंखनाद थी शिकागो धर्म-सभा

3.2
67

भारतीय जन मानस में ये बात घर कर चुकी थी कि अंग्रेज़ हमसे शायद श्रेष्ठ हैं। एक तरफ जहां भारतीय मेधा में अंग्रेजी शिक्षा-रूपी घुन लग चुका था वहीं दूसरी तरफ अंग्रेज़ विद्वान, इतिहासकार, दर्शनशास्त्री ...

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लेखक के बारे में
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मनोज चारण

हिन्दी और राजस्थानी में कविता, कहानी, निबन्ध, यात्रा वृतांत, समीक्षा सहित सभी विधाओं में लेखन का प्रयास

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Rajbala Sharma "राज दीप"
    12 जनवरी 2023
    आपकी सरल और सहज भाषा, लिखने और समझाने का अंदाज काबिले - तारीफ है। पढ़ने के बाद ऐसा लगा कुछ और पढ़ने को मिलता तो और अच्छा होता।
  • author
    Kavirandev Charan
    04 जुलाई 2020
    शानदार हुकम मनोज सा
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    Rajbala Sharma "राज दीप"
    12 जनवरी 2023
    आपकी सरल और सहज भाषा, लिखने और समझाने का अंदाज काबिले - तारीफ है। पढ़ने के बाद ऐसा लगा कुछ और पढ़ने को मिलता तो और अच्छा होता।
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    Kavirandev Charan
    04 जुलाई 2020
    शानदार हुकम मनोज सा