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भक्ति शैली रचना" समय साधो रे साधो

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समय साधो रे साधो, यह माया-मृग जाल न बाँधो। पल-पल बीते जो घटिका सम, फिर न आवे, यह साँचो ज्ञानो। ना दिन थमते, ना रात ठहरे, ना काल किसी को पूछे। राजा-रंक सम एकतारी, जिसका गीत समय ही बूझे। बालक बोले हँसी ...

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लेखक के बारे में

મઝધાર કાવ્યા નામે મારી ૨ id છે. જેમની આ એક છે. વ્યવસાયે એડવોકેટ છું પણ જીવ સાહિત્ય નો છે . લખવાનો અને વાંચવાનો ખૂબ જ શોખ છે જે મને મારા પિતાજી દ્વારા વારસા માં મળ્યો છે. 🙏🙏🙏🙏🙏🌹🌹🌹🌹🌹🌹

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Baloch Anavarkhan
    10 अप्रैल 2025
    वाह वाह बहना बहुत ही बेहतरीन तरीके से विवरण दिया आपने जिवन का मर्म एकदम सही फरमाया
  • author
    Aniruddhsinh zala "રાજ"
    10 अप्रैल 2025
    ખૂબ જ સરસ
  • author
    Dev Man
    10 अप्रैल 2025
    wonderful
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Baloch Anavarkhan
    10 अप्रैल 2025
    वाह वाह बहना बहुत ही बेहतरीन तरीके से विवरण दिया आपने जिवन का मर्म एकदम सही फरमाया
  • author
    Aniruddhsinh zala "રાજ"
    10 अप्रैल 2025
    ખૂબ જ સરસ
  • author
    Dev Man
    10 अप्रैल 2025
    wonderful