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भक्त राजा अंबरीष की कथा

4.9
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एक बार राजा अंबरीष ने अपनी पत्नी के साथ भगवान श्रीकृष्ण जी की आराधना करने हेतु एक वर्ष तक द्वादशीव्रत करने का संकल्प किया । व्रत की समाप्ति होने के पश्‍चात कार्तिक महीने में उन्होंने ३ रात्रि उपवास ...

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लेखक के बारे में
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Rajiv Sharma

मेरे द्वारा प्रकाशित रचनाएं सिर्फ संकलन हेतु ही लिखीं गई हैं, किन्तु वह मेरे द्वारा रचित नहीं हैं।

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Laxmi Kapoor
    05 अगस्त 2022
    Rajiv ji aapki katha se bahut kuchh sekhane ko mila jeevan me naman vinmrta or vandan ka qya mehetv hai ye samjh me aa gya bahut bahut aabhar 🙏🙏 or sabse badi bat hai ki jeevan me sabr rakhna bahut jaruri hai kisi bhi bat ki jaldbaji kam kharab kar deti hai aap itni achhi Gyan vardhak kathaye likhate hai to mujhe man ki chanchlta ko kaise kam kiya ja sakta hai ye baten please 🙏 me jab bhi Pooja karne bethti hu man yaha wahn bhatkata rehta hai
  • author
    kanak sharma
    18 जनवरी 2021
    बहुत प्रेरणादायक प्रस्तुति!! कहानी मे बहुत आनंद आया । प्रभु का प्रेम अपने भक्तों के लिए कैसा होता है , यह जानना बहुत ही सुखद होता है। कहानी से भी अधिक आनंद बाद के भाग को पढ़ कर मिला । बहुत सुन्दर संदेश दिया है आपने इस भाग मे । वंदन का विश्लेष बहुत अच्छा लगा । लीन होने का तात्पर्य भी बहुत अच्छे से समझाया है। ये लेख हमेशा लें लिए संग्रह करके रखना चाहिए । इतनी अच्छी रचना के लिए धन्यवाद, बधाई, शुभकामनायें , सब कुछ !! 🙏🙏🙏💐💐
  • author
    Geeta Arya "Ahilya"
    18 जनवरी 2021
    बहुत आभार सर आपका. क्योंकि यह कथा पढ़ कर मेरे कई प्रश्नों के उत्तर मिल गए हैं. आपने बहुत अच्छा लिखा है. भगवान के मन भक्तों के लिए विचार भी जानने का अवसर मिला.
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    Laxmi Kapoor
    05 अगस्त 2022
    Rajiv ji aapki katha se bahut kuchh sekhane ko mila jeevan me naman vinmrta or vandan ka qya mehetv hai ye samjh me aa gya bahut bahut aabhar 🙏🙏 or sabse badi bat hai ki jeevan me sabr rakhna bahut jaruri hai kisi bhi bat ki jaldbaji kam kharab kar deti hai aap itni achhi Gyan vardhak kathaye likhate hai to mujhe man ki chanchlta ko kaise kam kiya ja sakta hai ye baten please 🙏 me jab bhi Pooja karne bethti hu man yaha wahn bhatkata rehta hai
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    kanak sharma
    18 जनवरी 2021
    बहुत प्रेरणादायक प्रस्तुति!! कहानी मे बहुत आनंद आया । प्रभु का प्रेम अपने भक्तों के लिए कैसा होता है , यह जानना बहुत ही सुखद होता है। कहानी से भी अधिक आनंद बाद के भाग को पढ़ कर मिला । बहुत सुन्दर संदेश दिया है आपने इस भाग मे । वंदन का विश्लेष बहुत अच्छा लगा । लीन होने का तात्पर्य भी बहुत अच्छे से समझाया है। ये लेख हमेशा लें लिए संग्रह करके रखना चाहिए । इतनी अच्छी रचना के लिए धन्यवाद, बधाई, शुभकामनायें , सब कुछ !! 🙏🙏🙏💐💐
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    Geeta Arya "Ahilya"
    18 जनवरी 2021
    बहुत आभार सर आपका. क्योंकि यह कथा पढ़ कर मेरे कई प्रश्नों के उत्तर मिल गए हैं. आपने बहुत अच्छा लिखा है. भगवान के मन भक्तों के लिए विचार भी जानने का अवसर मिला.