जय हो मेरे लड्डू गोपाल, मेरे नन्दलाल। हमे कर दो मालामाल,हो मेरे बाल गोपाल। छपन भोग से भरा हो थाल, रंग फूल अबीर गुलाल। हमे कर दो मालामाल मेरे लड्डू गोपाल। हो मेरे .... शिशु रूप तेरा अति सुंदर ...
में एक साधारण ग्रहणी होने के साथ साथ एक लेखिका हु। अपनी भावनाओ को शब्दों की माला में पिरोकर सामाजिक बुराइयों पर प्रहार करना और व्यंग्यात्मक रचना लिखना मेरा शौक है।
सारांश
में एक साधारण ग्रहणी होने के साथ साथ एक लेखिका हु। अपनी भावनाओ को शब्दों की माला में पिरोकर सामाजिक बुराइयों पर प्रहार करना और व्यंग्यात्मक रचना लिखना मेरा शौक है।
रिपोर्ट की समस्या
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