भैया मेरे,, दूर वतन की सीमाओं पर,भैया मेरे भेज रही हूं नेह सूत्र, रिश्तों का बंधन मां की ममता, बाबा के आंखों की आशा भाभी का सिन्दूर, चूड़ियों की मृदु भाषा नन्ही देख रही है रास्ता ,पापा कब आयेंगे तुम ...
आत्म कथ्य---मेरी कहानियां जिन्दगी के आसपास साँसें लेती हैं. जीवन के सुख,दुःख, हर्ष विषाद प्रेम की सुन्दरतम अनुभूतियों का दर्पण बन समाज को सच दिखाना ही उनकी सार्थक अभिव्यक्ति है भटके हुए कदमों को उनके सपनों की राह तक पहुंचाना ,और संवेदना के एक नए क्षितिज का निर्माण करना है.
सारांश
<p>आत्म कथ्य---मेरी कहानियां जिन्दगी के आसपास साँसें लेती हैं. जीवन के सुख,दुःख, हर्ष विषाद प्रेम की सुन्दरतम अनुभूतियों का दर्पण बन समाज को सच दिखाना ही उनकी सार्थक अभिव्यक्ति है भटके हुए कदमों को उनके सपनों की राह तक पहुंचाना ,और संवेदना के एक नए क्षितिज का निर्माण करना है.</p>
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