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भाग्य का खेल,कर्मों का लेखा-जोखा

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जो भी धट रहा दुनिया में, यह है सब भाग्य का खेल। हमारे जैसे होंगे कर्म अच्छे या बुरे उससे ही निर्धारित होता हमारा भाग्य। हमारे कर्मों का लेखा-जोखा ऊपर श्री चित्रगुप्त भगवान के दरबार में लिखा जाता। जब ...

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लेखक के बारे में
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Sudershan Khare

नाम तो ऊपर लिखा ही है आयु 73 लखनऊ से अब दिल्ली-एनसीआर (रोहिणी) में निवास लगभग 37 वर्ष पुस्तकालयाध्या की नौकरी करने के उपरांत 2007 में अवकाशप्राप्त । अब स्वतंत्र लेखन और NGO (उदयन शालिनी) जो बालिकाओं के लिए कार्य करता है उससे जुड़ाव । परिवार में पति,बेटे-बहू । बिटिया ससुराल मे. शादी के51 वर्ष 11.12.2020 को पूर्ण । बस यही मेरा परिचय है

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Manju Joshi
    13 अप्रैल 2022
    बहुत सुंदर लिखा आपने
  • author
    13 अप्रैल 2022
    कर्म और भाग्य पर सटीक अभिव्यक्ति दी है आपने अलका जी
  • author
    Sayyeda Khatoon
    13 अप्रैल 2022
    बहुत बेहतरीन लाजवाब रचना 👌👌👌👌
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    Manju Joshi
    13 अप्रैल 2022
    बहुत सुंदर लिखा आपने
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    13 अप्रैल 2022
    कर्म और भाग्य पर सटीक अभिव्यक्ति दी है आपने अलका जी
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    Sayyeda Khatoon
    13 अप्रैल 2022
    बहुत बेहतरीन लाजवाब रचना 👌👌👌👌