पिताजी के नाम पत्र [30 सितम्बर, 1930 को भगतसिंह के पिता सरदार किशन सिंह ने ट्रिब्यूनल को एक अर्जी देकर बचाव पेश करने के लिए अवसर की माँग की। सरदार किशनसिंह स्वयं देशभक्त थे और राष्ट्रीय आन्दोलन में ...
लेख में सप्षट दिखता है कि भग्त सिंह अपने सिद्धांतों के लिए सुकरात की तरह जहर का प्याला पीने को तैयार थे और उन्होने वो प्याला फांसी के रूप में पिया । इतनी छोटी सी उम्र में समाज को लेकर इनकी समझ वाकई जब भी मैं भग्त सिंह को पढता हूँ तो अच्छा लगता हैं उर्जा से भर जाता हूँ कृपया आप मैं नास्तिक क्यो हूँ लेख प्रकाशित कीजिए एक बात ओर जो ध्यान देने योग्य है कि जो आपने पिक लगाई है वो फेक है इसके लिए आप प्रो• चमन लाल ओर शिव वर्मा की पुस्तकों से जानकारी जुटा कर अपना भग्त सिंह के बारे में ओर ग्यान बढा सकते है और हकीकत में जो भग्त सिंह थे उसे ही समाज तक पहुंचा सकते है कृपया इस त्रुटी को ठीक कर ले धन्यवाद
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लेख में सप्षट दिखता है कि भग्त सिंह अपने सिद्धांतों के लिए सुकरात की तरह जहर का प्याला पीने को तैयार थे और उन्होने वो प्याला फांसी के रूप में पिया । इतनी छोटी सी उम्र में समाज को लेकर इनकी समझ वाकई जब भी मैं भग्त सिंह को पढता हूँ तो अच्छा लगता हैं उर्जा से भर जाता हूँ कृपया आप मैं नास्तिक क्यो हूँ लेख प्रकाशित कीजिए एक बात ओर जो ध्यान देने योग्य है कि जो आपने पिक लगाई है वो फेक है इसके लिए आप प्रो• चमन लाल ओर शिव वर्मा की पुस्तकों से जानकारी जुटा कर अपना भग्त सिंह के बारे में ओर ग्यान बढा सकते है और हकीकत में जो भग्त सिंह थे उसे ही समाज तक पहुंचा सकते है कृपया इस त्रुटी को ठीक कर ले धन्यवाद
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