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भगतसिंह (1930) पिताजी के नाम पत्र

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पिताजी के नाम पत्र [30 सितम्बर, 1930 को भगतसिंह के पिता सरदार किशन सिंह ने ट्रिब्यूनल को एक अर्जी देकर बचाव पेश करने के लिए अवसर की माँग की। सरदार किशनसिंह स्वयं देशभक्त थे और राष्ट्रीय आन्दोलन में ...

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भगत सिंह
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Arun Sharma
    28 मई 2019
    लेख में सप्षट दिखता है कि भग्त सिंह अपने सिद्धांतों के लिए सुकरात की तरह जहर का प्याला पीने को तैयार थे और उन्होने वो प्याला फांसी के रूप में पिया । इतनी छोटी सी उम्र में समाज को लेकर इनकी समझ वाकई जब भी मैं भग्त सिंह को पढता हूँ तो अच्छा लगता हैं उर्जा से भर जाता हूँ कृपया आप मैं नास्तिक क्यो हूँ लेख प्रकाशित कीजिए एक बात ओर जो ध्यान देने योग्य है कि जो आपने पिक लगाई है वो फेक है इसके लिए आप प्रो• चमन लाल ओर शिव वर्मा की पुस्तकों से जानकारी जुटा कर अपना भग्त सिंह के बारे में ओर ग्यान बढा सकते है और हकीकत में जो भग्त सिंह थे उसे ही समाज तक पहुंचा सकते है कृपया इस त्रुटी को ठीक कर ले धन्यवाद
  • author
    Winning Attitude
    27 मई 2017
    देश के लिए त्याग इसको कहा जाता है। जय हिन्द
  • author
    Goldi Singh
    19 मार्च 2018
    it's really appreciative work toward our country by our freedom fighter
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  • author
    Arun Sharma
    28 मई 2019
    लेख में सप्षट दिखता है कि भग्त सिंह अपने सिद्धांतों के लिए सुकरात की तरह जहर का प्याला पीने को तैयार थे और उन्होने वो प्याला फांसी के रूप में पिया । इतनी छोटी सी उम्र में समाज को लेकर इनकी समझ वाकई जब भी मैं भग्त सिंह को पढता हूँ तो अच्छा लगता हैं उर्जा से भर जाता हूँ कृपया आप मैं नास्तिक क्यो हूँ लेख प्रकाशित कीजिए एक बात ओर जो ध्यान देने योग्य है कि जो आपने पिक लगाई है वो फेक है इसके लिए आप प्रो• चमन लाल ओर शिव वर्मा की पुस्तकों से जानकारी जुटा कर अपना भग्त सिंह के बारे में ओर ग्यान बढा सकते है और हकीकत में जो भग्त सिंह थे उसे ही समाज तक पहुंचा सकते है कृपया इस त्रुटी को ठीक कर ले धन्यवाद
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    Winning Attitude
    27 मई 2017
    देश के लिए त्याग इसको कहा जाता है। जय हिन्द
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    Goldi Singh
    19 मार्च 2018
    it's really appreciative work toward our country by our freedom fighter